मोहाली 10 अगस्त गीता। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू द्वारा पूछे गए एक प्रश्न पर संसद को बताया कि लखपति दीदी योजना ने एक करोड़ से अधिक महिलाओं को एक लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय प्राप्त करने में सहायता की है।
लखपति दीदी योजना के कार्यान्वयन पर सांसद सतनाम सिंह संधू के प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) योजना के तहत 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.86 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित किया गया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लखपति दीदी योजना से अल्पसंख्यक समुदायों की 99.13 लाख से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुडी हुई है। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना से 79,85,836 मुस्लिम महिलाएं, 11,57,869 ईसाई महिलाएं, 2,08,313 सिख महिलाएं, 5,48,422 बौद्ध महिलाएं, 9,385 जैन समुदाय की महिलाएं तथा पारसी समुदाय की 4,054 महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुडी हुई है तथा उन्हें लखपति दीदी योजना से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि 10,80,107 अल्पसंख्यक स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें 50ः से अधिक सदस्य अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। मंत्री ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) योजना के तहत 9,00,236,95 करोड़ रुपये की ऋण राशि वितरित की गई है। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 43,610,64 करोड़ रुपये का पूंजीकरण समर्थन (परिक्रामी निधि और सामुदायिक निवेश निधि) प्रदान किया गया है। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब पर राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि 10 करोड़ महिला सदस्यों वाले 90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को सशक्त और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता गांवों में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की है। मैंने हमेशा पीएम मोदी को यह कहते सुना है कि हमारी माताओं और बहनों का आत्मविश्वास ही हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। लखपति दीदी योजना देश भर में महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बड़ा माध्यम बन रही है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं विकसित भारत के निर्माण में एक मजबूत कड़ी साबित हो रही हैं। सतनाम सिंह संधू ने कहा, स्वयं सहायता समूहों की सफलता ने लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है जो सफलता के नए अध्याय लिख रही हैं। ये महिलाएं कभी श्अयोग्यश् समझी जाती थीं, लेकिन अब यह लखपति हैं जो महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का एक सच्चा उदाहरण है। यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में सहायक साबित हो रही है। उन्होंने कहा “मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदायों सहित छह अल्पसंख्यक समुदायों की लगभग एक करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और लखपति दीदी बनने की ओर बढ़ रही हैं। राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने अपने प्रश्न में देश में लखपति दीदियों की संख्या, सरकार की लखपति दीदी पहल के तहत इसकी शुरुआत से अब तक प्राप्त परिणामों और इस योजना के तहत लाभान्वित अल्पसंख्यक समुदायों से लखपति दीदियों का विवरण मांगा था। दिसंबर 2023 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई लखपति दीदी योजना का उद्देश्य पूरे भारत के गांवों में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना है, उन्हें कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से उपकरण प्रदान करके आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) की दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) योजना का अंग है। यह योजना महिलाओं को आंगनवाड़ी दीदी, बैंक वाली दीदी और दवा वाली दीदी जैसे स्वयं सहायता समूहों में शामिल होने के साधन प्रदान करके आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करता है ताकि वे प्रति परिवार कम से कम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की स्थायी आय अर्जित कर सकें।