Firmedia C News Channel Team
मोहाली 18 फरवरी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के चार छात्रों को नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा ) ने अपने प्रसिद्ध नागरिक विज्ञान कार्यक्रम – इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन (आईएएससी) के तहत ष्नागरिक वैज्ञानिकोंष् की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया है। इस उपलब्धि के साथ, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अंतरिक्ष अन्वेषण और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में आशाजनक योगदानकर्ताओं के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
सीयू के चारो छात्रों, सोनाली साहनी, अनंत शाह, हर्ष आदित्य मिंज और अभिषेक मल्हान को पैन-स्टारआरएस से छवियों का विश्लेषण करके निकट-पृथ्वी वस्तुओं और मुख्य बेल्ट क्षुद्रग्रहों के अवलोकन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए नागरिक वैज्ञानिकों के रूप में मान्यता दी गई है। चार लोगों की टीम ने एस्ट्रोमेट्रिका सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, आधिकारिक तौर पर एएसटी0001 नामित एक वस्तु का सफलतापूर्वक पता लगाया।
विशेष रूप से, सभी चार छात्र सीयूसीईटी छात्रवृत्ति के तहत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीई एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (तृतीय वर्ष) की पढ़ाई कर रहे हैं। पंजाब के लुधियाना के रहने वाले अभिषेक मल्हान 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति के साथ सीयू में पढ़ रहे हैं, इस बीच झारखंड के धनबाद की सोनाली के पास 30 प्रतिशत छात्रवृत्ति है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के बनारस के अनंत शाह और छत्तीसगढ़ के रायपुर के हर्ष आदित्य को उनकी ट्यूशन फीस पर 15 प्रतिशत की छात्रवृत्ति मिलती है।
अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग प्रतियोगिता के बारे में प्रारंभिक जागरूकता विभाग द्वारा प्रसारित एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पता चला, और हममें से प्रत्येक ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में अपनी क्षमता दिखाने के इस अवसर का लाभ उठाने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी साझा किया कि इस प्रतियोगिता ने उन्हें एस्ट्रोमेट्रिका सॉफ्टवेयर को बेहतर ढंग से समझने और नासा हबल टेलीस्कोप छवियों का अधिक विस्तृत तरीके से विश्लेषण करने में भी मदद की है।
राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने छात्रों की उपलब्धियों पर बेहद गर्व व्यक्त करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को अपने छात्रों की उपलब्धियों पर अत्यंत गर्वित है। सीयू के छात्रों की नागरिक वैज्ञानिकों के रूप में मान्यता सम्पूर्ण यूनिवर्सिटी के लिए अत्यंत सम्मान का स्रोत है, जो इन प्रतिभाशाली छात्रों की क्षमता, समर्पण और असाधारण प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है।“ उन्होंने आगे कहा,“चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग अपनी स्थापना के बाद से आधुनिक एयरोस्पेस उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार विकसित हो रहा है। यह एयरोस्पेस शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और छात्रों को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में स्थित कल्पना चावला सेंटर फॉर रिसर्च इन स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी से रियल-टाइम ग्राउंड स्टेशन संचालन चलाने वाला भारत की पहली यूनिवर्सिटी है। इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के ज्ञान को गहराई से जानने की जिज्ञासा और प्रेरणा पैदा कर छात्रों की सहायता करना है।
संधू ने आगे कहा, “चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग 2023 में भारतीय विज्ञान के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि थी, जिसने पृथ्वी और आकाश दोनों की सीमाओं को पार कर देश को अग्रणी श्रेणी में ला दिया। सीयू के एक पूर्व छात्र भी इस प्रोजेक्ट में शामिल थे। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख, धरमिंदर सिंह चंद ने कहा, “विभाग न केवल अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है, बल्कि छात्रों को सैद्धांतिक शिक्षा देने के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभवों से समृद्ध करने के लिए उच्च योग्य शिक्षण स्टाफ भी है।