रतवाड़ा साहिब में नाटक ठंडे बुर्ज की दस्तान के बाद दर्शक हुए भावुक
मोहाली 21 अगस्त (गीता)। पंजाब के पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, और पुरातत्व विभाग के मंत्री अनमोल गगन मान रतवाड़ा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों की शहादत पर आधारित नाटक ठंडे बुर्ज की दस्तान के मंचन से कैबिनेट मंतरी कापफी भावुक हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि छोटे साहिबजादों को नींव में चुनवाए जाने की घटना असाधारण वीरता और साहस का प्रतीक है जो हमारे लिए सदैव अद्वितीय शौर्य की कहानी बनी रहेगी।
उन्होंने कहा कि हमें इन साहिबजादों के महान जीवन से त्याग और बलिदान की भावना सीखने की जरूरत है। आज हमें न केवल अपने हितों का ध्यान रखना चाहिए, बल्कि हर धर्म के पीड़ितों का दामन थामना चाहिए ताकि हम गुरुओं द्वारा दिखाई गई महान विरासत को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि आज जब हम अपने बच्चों की छोटी-बड़ी तकलीफों को लेकर चिंतित हो जाते हैं तो ऐसी कहानियां हमें इसकी याद दिलाती हैं। हम कितनी महान विरासत के उत्तराधिकारी हैं।
अनमोल गगन मान ने कहा कि आज के समय में गुरु साहबान के दर्शन को समझने की जरूरत है, क्योंकि हम समाज की बजाय खुद तक ही सीमित होते जा रहे हैं। हमें अपने स्वार्थ, पीड़ा और चिंता से पहले समाज और जरूरतमंद लोगों की समस्याओं को जानना होगा और उन्हें हल करने में मदद करने का मार्ग अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब युवा साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह अंत तक अपनी आस्था और धर्म पर दृढ़ रहे । यदि सतनाम वाहेगुरु के जाप के साथ कष्ट सहा जाए तो इससे बड़ा त्याग, साहस और नेतृत्व का उदाहरण मिलना मुश्किल है। इसलिए हमें भौतिकवादी सोच से ऊपर उठ कर समग्र भलाई की ओर बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने संत बाबा लखबीर सिंह रतवाड़ा साहिब की पहल की सराहना की और उन्हें इस वीर गाथा के क्षणों का एहसास कराने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जनसेवा और धार्मिक सेवा के लिए ट्रस्ट बना कर वह जो सेवा कर रहे हैं वह सराहनीय है।