मोहाली 24 जून गीता । बाल कल्याण परिषद, पंजाब द्वारा 24 जून से 29 जून तक चलाए जा रहे 39वें राष्ट्रीय एक साथ रहना सीखें शिविर का उद्घाटन आज शिवालिक पब्लिक स्कूल, फेज-6 में पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारी लाल प्रोहित ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री प्रोहित ने कहा कि वे इस शिविर का उद्घाटन करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य बहुत महान है, जो राष्ट्रीय एकता की अवधारणा को मजबूत करता है और देश को विश्व गुरु बनाना जरूरी है उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति सदियों पुरानी है, जो पूरे विश्व को एक समुदाय मानने के सिद्धांत पर आधारित है, समाज में कोई बड़ा नहीं है और कोई छोटा नहीं है, यह भावना विद्यार्थियों में भी पैदा करनी होगी।
श्री पुरोहित ने भारतीय पुराणकथा का हवाला देते हुए कहा कि भारत में कभी भेदभाव नहीं हुआ और न ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा पहाड़ों से निकलती है और बिना किसी सांस्कृतिक या धार्मिक भेदभाव के सभी की प्यास बुझाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए श्एक भारत, श्रेष्ठ भारतश् का नारा दिया गया है। राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिविर की मेजबानी में बाल कल्याण परिषद द्वारा की गई पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अनेकता में एकता की अवधारणा एवं संदेश पर आधारित राष्ट्रीय शिविर है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से इस शिविर का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सादा जीवन जीने का सिद्धांत दिया है, इसलिए बड़ी कार में आने से कोई बच्चा बड़ा नहीं हो जाता और साइकिल पर आने से कोई छोटा नहीं हो जाता. कभी भी किसी की नकल नहीं करनी चाहिए और अपनी मर्यादा में रहकर ही अपना जीवन जीना चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का उदाहरण दिया कि कैसे वह गरीबी से उठकर देश के प्रधानमंत्री बने और श्जय जवान जय किसानश् का नारा दिया। उन्होंने अपना जीवन भी काफी सरल रखा। राज्यपाल ने स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए नदी पार करने का उदाहरण भी बच्चों के लिए प्रेरक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया। इसी तरह उन्होंने श्री ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जीवन का भी उदाहरण दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को हमेशा अच्छे दोस्त बनाने और अच्छी संगति करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस खेमे से दो पक्के मित्र चुन लो और जीवन भर मित्रता निभाओ। इससे पहले बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष श्रीमती प्रजाकता अवध ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इस शिविर में 16 राज्यों के 10 से 14 वर्ष के बच्चे भाग ले रहे हैं. उन्होंने शिविर के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस शिविर में विभिन्न संस्कृतियों के बच्चों को एक साथ रहने और एक-दूसरे को जानने का मौका मिलेगा. यह अनेकता में एकता के सिद्धांत को पुष्ट करता है।
डॉ बाल कल्याण परिषद की सचिव प्रीतम संधू ने शिविर के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान शैक्षणिक सत्र, इनडोर खेल, पर्यटन, थिएटर, योग, बच्चों को शोषण से बचाने के बारे में जागरूकता सहित विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी। प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्री बनवारी लाल प्रोहित ने भी इस शिविर के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण परिषद जरूरतमंद घरों के बच्चों को ट्यूशन देने का प्रोजेक्ट भी चला रही है,इस अवसर पर विशेष बच्चों के स्कूल वाणी स्कूल के दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा बेहद भावपूर्ण प्रस्तुति दी गयी. इस मौके पर बच्चों की बेहतरी के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान देने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया गया, जिनमें गुरदीप शर्मा, जसकंवलजीत कौर, डॉ. रविंदर सिंह, अनिल सिद्धु, परवेश कुमार, महेंद्र तूल, कुलविंदर सिंह, गुरदीप धीमान, अभिषेक शर्मा, मिस रिम्पी, अनुपकिरण कौर को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, प्रमुख सचिव, जल आपूर्ति और स्वच्छता, पंजाब, नीलकंठ अवध और अतिरिक्त उपायुक्त (जे), एसएएस। नागर, विराज श्यामकरण तिडके का भी बहुत सम्मान किया गया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल को पंजाब की संस्कृति का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। इस शिविर के लिए अनहद फाउंडेशन ने भरपूर सहयोग दिया है। इस अवसर पर एसडीएम मोहाली श्री दीपांकर गर्ग, कोषाध्यक्ष बाल कल्याण परिषद रतिंदर बराड़ भी उपस्थित थे।