मोहाली 4 जुलाई गीता। पुलिस उप महानिरीक्षक सुश्री नीलांबरी जगदले ने जिले में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने/खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए नार्को समन्वय केंद्र (एन. कॉर्ड) के तहत जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डीसी श्रीमती आशिका जैन एवं एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग भी मौजूद रहे।
डीआइजी अधिकारियों को जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए स्कूलों/कॉलेजों में नशा विरोधी वार्ता/सेमिनार आयोजित कर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने को कहा। इसके अलावा युवा पीढ़ी को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए नाटक, स्किट या अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में एक मॉडल ओट सेंटर बनाया जाएगा, जिसका ऑडिट एसडीएम और एसपी पर आधारित कमेटी करेगी। इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नशीली दवाओं के हॉटस्पॉट में चिकित्सा शिविर आयोजित करने और पुनर्वास केंद्रों, ओट क्लीनिकों के बारे में जानकारी देने के अलावा दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने का आदेश दिया। इस मौके पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने नशे की शिकायत देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर शिकायत पेटियां लगाई हैं। नशे के खिलाफ इस अभियान को प्रचारित करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा जारी मोबाइल नंबर 8054100112 और ई-मेल ेेचउवींसप.कतनह.पदवि/ह.उंपस.बवउ पर सूचित किया जाए ताकि आम लोग नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस विभाग को सूचित कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। उक्त आदेश सभी उपमंडलाधीशों, डीडीपीओ को गांवों में आम लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना चाहिए। आम लोगों के ऐसे सहयोग से राज्य से नशे को खत्म करने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने यह भी आदेश दिए कि जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी द्वारा पुलिस की मदद से मेडिकल स्टोरों पर लगातार चेकिंग की जाए और अपंजीकृत मेडिकल स्टोरों के बारे में पुलिस को सूचित किया जाए ताकि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
डीआइजी ने मुख्यमंत्री पंजाब की जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए पुलिस पहले ही नशा तस्करों के खिलाफ बड़ा अभियान चला चुकी है। उन्होंने कहा कि समाज में नशे को खत्म करने के लिए हर वर्ग का कर्तव्य है कि वे एकजुट होकर नशे के खिलाफ लगातार दबाव बनाएं ताकि देश खुशहाल हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के हितों की रक्षा और नशे की बुराई को दूर करने के लिए हर संभव पहल की जाएगी।
डीसी ने एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में नियमित जागरूकता अभियान चलाए जाएं, जहां नागरिक और पुलिस प्रशासन के अधिकारी लोगों को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें और स्कूलों और कॉलेजों में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए। इस अवसर पर एडीसी (सामान्य) विराज एस. तिडके, एस.डी.एम मोहाली दीपांकर गर्ग, एस.डी. एम डेराबस्सी हिमांशू गुप्ता, एस.डी.एम. खरड़ गुरमंदर सिंह, एस.पी. एचएस मान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।