मोहाली 17 अप्रैल ( गीता ) । राउंडग्लास फाउंडेशन ने अपने वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम के तहत पंजाब के 200 से अधिक गांवों को लिटर फ्री बनाने में मदद की है। यह ग्रामीण सेटिंग्स में कुशल और टिकाऊ वेस्ट प्रबंधन के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था और खाद मॉडल को बढ़ावा देगा।
यह कार्यक्रम वर्तमान में मोही कलां, खीरी बीर सिंह और मोजपुर जैसे 200 से अधिक गांवों में चल रहा है और उन्हें कूड़े और प्लास्टिक मुक्त बना रहा है। इससे लगभग 40,000 घरों के स्वास्थ्य और भलाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम पर्यावरण साल 2018 मे शुरू हुआ यह युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है और स्केलेबल और टिकाऊ जमीनी कार्यक्रमों के माध्यम से पंजाब के लोगों के कल्याण के राउंडग्लास फाउंडेशन के बड़े मिशन का हिस्सा है।
इस उपलब्धि के बारे में बोलते हुए, राउंडग्लास फाउंडेशन के लीडर, विशाल चैवला कहते हैं, “हमने वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम के माध्यम से 200 से अधिक गांवों को प्लास्टिक और कूड़ा-मुक्त बनाया है। उन्हें खाद बनाने की सुविधाओं से सुसज्जित किया और वेस्ट को अलग अलग करने के बारे में जागरूकता पैदा की है। घरेलू स्तर पर व्यवहार परिवर्तन में जो प्रगति हुई है, यह हमारे लिए इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि है। वेस्ट मैनेजमेंट के प्रति रोजमर्रा के लोगों का रवैया और दृष्टिकोण, जिसमें सोर्स पर ही कूड़ा अलग करना भी शामिल है बदला है। इस की वजह से सेकेंडरी पृथक्करण की आवश्यकता दूर होती है। स्रोत पर अलग किया गया कचरा सबसे कम दूषित होता है और रीसाइक्लिंग के लिए अधिक उपयुक्त होता है।
ग्राम समुदाय और प्रशासन के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए, चैवला ने कहा, “हम इस माइलस्टोन को हासिल कर सके क्योंकि हमें समुदाय, ग्राम पंचायतों, स्वयंसेवकों, निवासियों और अन्य स्थानीय निकायों का निरंतर समर्थन मिला। हमारी टीम ने भी जमीनी स्तर पर अविश्वसनीय काम किया है और हम पंजाब के कई और गांवों में कचरा प्रबंधन लाने के लिए अपना काम जारी रखेंगे।
पंजाब की वेस्ट प्रबंधन चुनौतियों को देखते हुए यह कार्यक्रम अत्यधिक प्रासंगिक और सामयिक है। कृषि प्रधान राज्य पंजाब प्रतिदिन 3,700 मीट्रिक टन नगरपालिका ठोस कचरा उत्पन्न करता है और इस कचरे का केवल 66 प्रतिशत संसाधित किया जाता है, जो राष्ट्रीय औसत से 9 प्रतिशत कम है। अगले दशक में यह संख्या काफी बढ़ने की उम्मीद है। अगर तुरंत इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह एक खतरा बन जाएगा। अधिकांश गांवों में वेस्ट प्रबंधन बहुत अविकसित है। सरकार इस मुद्दे को बेहतर ढंग से हल कर सकती है यदि उसे सामाजिक क्षेत्र और अन्य हितधारकों का समर्थन मिले। गाँवों में दैनिक असंगठित कचरे का लगभग 70 प्रतिशत बायोडिग्रेडेबल होता है और इसे आसानी से खाद में परिवर्तित किया जा सकता है और पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। ऐसा करने के स्थान पर इसे अक्सर अस्वच्छ कचरे के ढेर में छोड़ दिया जाता है। यह नालियों को अवरुद्ध कर देता है और गांवों की मिट्टी और पानी को प्रदूषित करता है। सितंबर 2022 में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ठोस और तरल कचरे के उपचार के कार्यक्रम में अपर्याप्त प्रगति के लिए पंजाब सरकार पर 2,180 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।