मोहाली 15 जून गीता। भारतीय रेल में देश के सीनियर सिटीजन महिला-पुरूषों को रेल भाडा में मिलने वाली छूट के बंद कर दिए जाने से एक तरह से केन्द्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों से धोखा किया है और यहीं कारण है कि आर्थिक तंगी के चलते कई बुजुर्ग आज भी अपनी मर्जी वाले तीर्थ स्थानों पर टिक्ट महंगी होने के चलते तीर्थ यातरा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए केन्द्र सरकार को चाहिए िकइस स्कीम को दूबारा से चालू कर देना चाहिए। उपरोक्त विचार मोहाली के पॉवरकाम विभाग से रिटायर्ड सीनियर सिटीजन व पूर्व विधायक दविंदर सिंह के निजी सचिव रहने वाले समाज सेवी बीसी प्रेमी ने मीछिया कर्मियों से बातचीत में व्यक्त किए ।
प्रेमी ने कहा कि नियमों के अनुसार, न्यूनतम 60 वर्ष के पुरुष वरिष्ठ नागरिकों और न्यूनतम 58 वर्ष की महिला वरिष्ठ नागरिकों को मेल/एक्सप्रेस/राजधानी/शताब्दी/जनशताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों की सभी श्रेणियों के किराए में रियायत दी जाती थी। यह रियायत पुरुषों के लिए 40 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत रखी गई है। लेकिन कोविड-19 के समय में केन्द्र सरकार ने इस छूट को बंद कर दिया और दूबारा चालू नहीं किया, जिसके चलते आज भी सीनियर सिटीजनों को आम लोगों के बराबर रेल भाडा चुकाना पड रह है और उनको यह लाभ नहीं मिल पा रहा है । उनहोंने बताया कि केन्द्र सरकार की इस योजना के बंद कर दिए जाने के चलते सीनियर सिटीजन आर्थिक तंगी के चलते रेल के द्वारा तीर्थ स्थानों पर यातरा करने से भी वंचित रहे हैं ।
गौरतलब है कि एक जारी आंकडे के मुताबिक सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी से पता चला है कि चार साल पहले रेल किराए में रियायतें वापस लेने के बाद भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों से 5,800 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था। वहीं दूसरी ओर जब उपरोक्त मामले को लेकर राज सभा और लोकसभा में रेले मंतरी से सवाल किया गया तो अहमदाबाद में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया, तो वैष्णव ने कहा, अगर किसी गंतव्य के लिए ट्रेन टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे केवल 45 रुपये ले रहा है। यह 55 रुपये की रियायत दे रहा है। क्योंकि रेलवे सभी मुसापिफरों को 55 प्रतिशत के करीब रेल भाडे में छूट दे रहा है । दूसरी ओर बीसी प्रेमी का कहना है कि जो छूट सीनियर सिटीजन के लिए बनी है उसे रेलवे को देना चाहिए और उम्मीद करते हैं कि यह छूट जल्द बुजुर्गो को मिलेगी।