30% गंभीर सड़क दुर्घटनाएं ब्रैकियल प्लेक्सस इंजरी के कारण होती है: एक्सपर्ट पंजाब में सड़कें दुर्घटनाओं के मामले में बहुत घातक माइक्रो न्यूरोसर्जरी ब्रैकियल प्लेक्सस चोटों के रोगियों के लिए आशा की नई किरण

By Firmediac news Feb 18, 2024
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Firmedia C News Channel Team

मोहाली, 18फरवरी: “पिछले 12 वर्षों में वैश्विक स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं में 5% की गिरावट आई है, जबकि भारत में इसमें 15.3% की वृद्धि हुई है। भारत में यातायात से संबंधित सभी मौतों में से 83% सड़क दुर्घटनाओं में योगदान करती हैं।“

आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईवीवाई अस्पताल, मोहाली में न्यूरो सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह रंधावा ने बताया कि लोगों को गोल्डन ऑवर अवधारणा के महत्व को जानना चाहिए, जिसका अर्थ है कि किसी भी दुर्घटना के बाद पहले 60 मिनट सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। अगर मरीज सही समय पर सही जगह पहुंच जाए तो बहुत सारी जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

उन्होंने आगे बताया कि पंजाब में सड़कें दुर्घटनाओं के मामले में बहुत घातक हैं और 2022 में पंजाब में 6122 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और सड़क दुर्घटनाओं में 4688 मौतें हुईं। सड़क दुर्घटनाओं में 70% लोगों की जान ओवर स्पीडिंग के कारण जाती है।

डॉ. रंधावा ने कहा कि ब्रैकियल प्लेक्सस इंजरी के कारण 30% गंभीर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ब्रेकियल प्लेक्सस कंधे, बांह और हाथ की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसों का एक जटिल नेटवर्क है।

आमतौर पर ब्रेकियल प्लेक्सस चोटें विभिन्न घटनाओं के परिणामस्वरूप होती हैं, जिनमें मोटर वाहन दुर्घटनाएं, गिरना और खेल चोटें शामिल हैं। इन घटनाओं से नर्व में खिंचाव, फटने और ऊपरी अंग के सामान्य कामकाज में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इन चोटों से प्रभावित व्यक्ति अक्सर कमजोरी, पैरालिसिस, संवेदना की कमी और रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में चुनौतियाँ अनुभव करते हैं।

लेकिन माइक्रो न्यूरोसर्जरी में हाल की प्रगति ने ब्रैकियल प्लेक्सस चोटों के रोगियों को आशा की एक नई किरण दी है। डॉ. रंधावा ने यह भी साझा किया कि भारत में ट्रॉमा के मामलों में सिर में चोट लगने के प्रमुख मामले तेज गति से गाड़ी चलाना और सीट बेल्ट न पहनना है और यात्री कारों के चालकों की तुलना में मोटरसाइकिल चालकों के सड़क दुर्घटना में घायल होने की संभावना 26 गुना अधिक है। उचित हेलमेट पहनने से उनके जीवित रहने की संभावना 42% तक बढ़ जाती है और मस्तिष्क की चोट का खतरा 74% कम हो जाता है।डॉ. रंधावा ने बताया कि आईवीवाई अस्पताल, मोहाली में हमारी ट्रॉमा टीम में ऑर्थोपेडिक सर्जन, थोरेसिक सर्जन, जीआई सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, न्यूरो सर्जन, एनेस्थेटिस्ट और ईआर फिजिशियन शामिल हैं और अस्पताल को 05 मॉड्यूलर ओटी, इन हाउस ब्लड बैंक, इनहाउस सीटी और एमआरआई हैं।

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