कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत; जंगल में मृत पड़ी थी धात्री, अब तक 9 चीतों की जान गई

Kuno Cheetah Dhatri DiedKuno Cheetah Dhatri Died
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Kuno Cheetah Dhatri Died: दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाये गए चीते मौत की नींद सो जा रहे हैं. चीतों की मौत का सिलसिला लगातर जारी है। अब एक और चीते की मौत की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि, मादा चीता धात्री जंगाल में मरी मिली है। वन टीम ने मादा चीता धात्री को मरा पाया। धात्री का शव अब पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

कूनो नेशनल पार्क के मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव का कहना है कि, मादा चीता धात्री की मौत कैसे हुई है? इसकी जानकारी अभी नहीं आई है। मौत के कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण बताया जा सकेगा। श्रीवास्तव के अनुसार, धात्री की उम्र अभी चार से पांच साल थी। वह वयस्क थी।

अब तक 9 चीतों की जान गई

केंद्र सरकार ने भारत में चीता बसाने का जो प्रोजेक्ट स्टार्ट किया है। फिलहाल वो सफल होता नहीं दिख रहा। चीतों की लगातार मौत केंद्र सरकार के लिए झटके की बात है और चिंता की भी। आखिर कूनो नेशनल पार्क में चीते क्यों मर रहे हैं? मार्च से अब तक कुछ ही महीनों के अंदर 9 चीतों की जान जा चुकी है। 9 चीतों में 6 वयस्क चीते और तीन शावक शामिल हैं।

कूनो नेशनल पार्क में अब 14 चीते बचे

9 चीतों की मौत के बाद अब कूनो नेशनल पार्क 14 चीते बचे हैं। इन 14 चीतों में 7 नर चीते, 6 मादा चीते और 1 मादक शावक शामिल है। चीतों की मौत को लेकर कूनो नेशनल पार्क के मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव का कहना है कि, स्थानीय वन टीम पूरी ट्रेनिंग के साथ सभी चीतों की निगरानी कर रही है। इसके अलावा चीतों की देखरेख और उनकी सुरक्षा को लेकर दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया की वन टीम से भी सलाह ली जा रही है। नामीबिया की वन टीम भी चीतों की निगरानी में है।

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