आजादी के बाद से नरेंद्र मोदी के अलावा किसी भी प्रधान मंत्री ने लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को नहीं समझा हैःकारगिल मुस्लिम नेताओं का कहना यूटी बनने के बाद लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार हुआ समाप्त, कारगिल के स्थानीय लोगों ने समावेशी विकास के लिए पीएम मोदी की सराहना की

By Firmediac news Nov 13, 2023
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मोहाली 13 नवंबर (गीता)। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 2019 में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) का दर्जा दिए जाने के बाद गुरुवार को कारगिल में सभी क्षेत्रों के लोगों ने एकजुट होकर इस क्षेत्र की प्रगति की पुष्टि की।
उन्होंने इस तथ्य का समर्थन किया कि यह कदम एक ऐतिहासिक कदम था जिसने न केवल इस क्षेत्र को अभूतपूर्व पैमाने पर आगे बढ़ाया बल्कि यहाँ के लोगों को दशकों से किए जा रहे सौतेले व्यवहार से भी मुक्ति दिलाई। कारगिल, लद्दाख के सैयद ऑडिटोरियम में इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन (आईएमएफ) द्वारा राष्ट्र निर्माण और अवसरों में कारगिल की भूमिकाश् विषय पर आयोजित एक सेमिनार में शामिल होने के दौरान कारगिल निवासियों इस पर चर्चा की।
कारगिल के युवाओं ने इस मौके पर इस बात पर भी प्रकाश डाला की समय समय पर देश की सुरक्षा के लिए यहाँ के निवासियों ने योगदान दिए हैं पर पिछली सरकरों द्वारा उनके सहयोग को अनदेखा कर उन्हें विकास से वंचित रखा गया हैं। पर साल 2019 के बाद यहाँ बदलाव देखा गया है और विकास अब जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है।
इस कार्यक्रम में आईएमएफ कन्वीनर सतनाम सिंह संधू सहित डॉ. मौलाना कल्बे रुशैद रिजवी, महासचिव राष्ट्रीय उलमा संसदय धार्मिक उपदेशक और कारगिल के प्रसिद्ध वक्ता मौलाना फिरोज अहमद रब्बानी, डॉ. कर्ण सिंह, पूर्व मंत्री भारत शिक्षाय कारगिल के डीसी डॉ. श्रीकांत बालासाहब, इमाम खुमैनी मेमोरियल ट्रस्ट (आईकेएमटी) के अध्यक्ष शेख सादिक रजाई, सामाजिक कार्यकर्ता और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के वरिष्ठ सदस्य सज्जाद कारगिली, जमीयत उल उलमा इस्ना अशरिया कारगिल के अध्यक्ष शेख नजीर मेहदी मोहम्मदी ने भाग लिया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले अन्य लोगों में मोहम्मद इस्माइल अध्यक्ष – ऑल कारगिल लद्दाख स्टूडेंट्स एसोसिएशन दिल्लीय मो. हसन हुंद्रमानी, संविदा व्याख्याता संघ के अध्यक्षय शेख बशीर शाकिर, उपाध्यक्ष इमाम खुमैनी मेमोरियल ट्रस्ट (आईकेएमटी) कारगिलय मो. हसन पाशा, एक स्थानीय व्यवसायी और गुलाम अब्बास जो कारगिल में एक युवा उद्यमी भी शामिल थे।
कारगिल युद्ध के नायकों के परिवारों को आईएमएफ द्वारा सम्मानित किया गया, आईएमएफ ने कारगिल युद्ध के नायकों के परिवारों को भी सम्मानित किया और देश को दुश्मन से बचाने में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। सतनाम सिंह संधू ने कहा कि उनका बलिदान इतिहास में अंकित है। उनकी वीरता की कहानियाँ सदियों तक याद की जाएंगी और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के सतनाम सिंह संधू ने कारगिल युद्ध के नायकों के बच्चों के लिए शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा छात्रवृत्तिश् की भी घोषणा की। छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी देते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी तीन साल की अवधि के लिए कारगिल शहीदों के लिए 20 स्थान आरक्षित रखेंगी। उन्होंने कहा कि कारगिल शहीदों के बच्चों के लिए शैक्षणिक शुल्क में 15 प्रतिशत, कारगिल से प्रभावित रक्षा कर्मियों के पुनर्वास के लिए शैक्षणिक शुल्क में 10 प्रतिशत की छूट तथा संपूर्ण पाठ्यक्रम अवधि शुल्क माफी के अंतर्गत कवर की जाएगी। इस योजना के तहत 25 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।”
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने लद्दाख के मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की घोषणा की जिन छात्रों ने 80-85 प्रतिशत के बीच अंक हासिल किये है वे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के में उच्च अध्ययन में प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत छात्रवृत्ति के लिए पात्र होंगे। जिन छात्रों ने 85-90 प्रतिशत के बीच अंक हासिल किये है, वे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 35 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्राप्त करेंगे । जिन छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए होंगे ,उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में अपने अध्ययन पर 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी
कारगिल के डीवाईसीईसी काचो फिरोज अहमद खान ने कहा कि मुसलमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का समग्र विकास का दृष्टिकोण ही भारत को आगे ले जा रहा है। मोदी सरकार की नीतियों में कोई भेदभाव नहीं है। देश में मुसलमान उनके नेतृत्व में सुरक्षित महसूस करते हैं और हमारा समुदाय समृद्धि और विकास देख रहा है। रब्बानी ने 2019 में मोदी सरकार द्वारा लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देने के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “यह लद्दाख के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। इस क्षेत्र के लोग हमेशा स्वतंत्र रहने और सम्मानजनक जीवन जीने की आकांक्षा रखते थे। यह केवल लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाकर संभव हुआ है। 70 साल से अधिक समय से लद्दाख के लोग इस पल का गवाह बनने का इंतजार कर रहे थे। अब हमारे युवाओं को ढेर सारे अवसर मिल रहे हैं और वे विभिन्न स्तरों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।”
आईएमएफ के संयोजक, सतनाम सिंह संधू ने कहा कि कारगिल हमेशा से ही भारत के सम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा करने तत्पर रहा हैं और जब भी भारत को अपने दुश्मनों से किसी भी खतरे का सामना करना पड़ा है तो कारगिल के लोग योगदान देने में सबसे आगे रहे हैं। कारगिल युद्ध के दौरान कारगिल का योगदान अद्वितीय था। कारगिल भारत के साहस और पराक्रम का प्रतीक है और समय-समय पर इस क्षेत्र ने भारत की एकता की अदम्य भावना को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया है।
सतनाम सिंह संधू ने आगे कहा, “अनगिनत बलिदानों और हानि के बावजूद, इस क्षेत्र के हमेशा से ही साथ सौतेला व्यवहार किया गया, जिससे इसकी वृद्धि और विकास प्रभावित हुआ। लद्दाख का पर्यटन क्षेत्र दशकों तक अल्प उपयोग में रहा हैं । लेकिन अब अलग केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। साल 2019 में पीएम मोदी द्वारा इसे एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के ऐतिहासिक निर्णय के बाद यह क्षेत्र सभी क्षेत्रों में एक उल्लेखनीय परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। सरकार के खर्च में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि देखी गई है और बजट कई गुना बढ़ा दिया गया है। यूटी के भीतर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 750 करोड़ रुपये की लागत से सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख का निर्माण किया जा रहा है।
सतनाम सिंह संधू ने कहा “बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा से लेकर कनेक्टिविटी और पर्यटन तक, सभी क्षेत्रों में विकास चल रहा है। कारगिल के युवा समावेशी विकास के लिए भारत के नए पथ के ध्वजवाहक बन गए हैं। इसके अलावा, वर्तमान सरकार कारगिल के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद करने में सहायक है”।
कॉन्ट्रैक्चुअल लेक्चरर्स एसोसिएशन कारगिल के अध्यक्ष मोहम्मद हसन हुंद्रमानी ने कहा, “पिछले 9 वर्षों के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परिवर्तन सुनिश्चित किया है, और विशेष रूप से युवाओं के लिए कई प्रमुख कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिसके लिए यूटी उनका बहुत आभारी हूं. इसके अलावा, प्रशासन और अन्य सभी विभागों में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख के वार्षिक बजट बढ़कर 2023-24 के लिए 5,958 करोड़ रुपये हो गया है। मो. हसन ने कहा कि कारगिल हमेशा भारत की ताकत बनकर खड़ा रहा है, चाहे वह युद्ध का समय हो या विकास संबंधी मुद्दे, पीएम मोदी ने सदैव क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, पीएम मोदी ने कारगिल जैसे सुदूरवर्ती इलाके में कठिन परिस्थितियों वाले इलाके में विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। बुनियादी ढांचे के विकास में भी बड़ी तेजी देखी गई है। नए मेडिकल कॉलेज और संस्थान स्थापित किए गए हैं यही नहीं 750 करोड़ रुपये की लागत से लद्दाख केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य भी चल रहा है।
इस अवसर पर स्थानीय युवक लियाकत अली ने कहा कि साल 2019 में यूटी बनने के बाद से लदाख विकास के मार्ग पर तेजी से अग्रसर है जबकि इस से पूर्व लदाख में इस प्रकार की गतिविधियां नहीं थी। डिजिटल इंडिया की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश डिजिटल हो रहा था लेकिन इस से पूर्व हमने इस विषय के बारे में सुना भी नहीं था और न ही हमारे इलाके तक ये सुविधा उपलब्ध थी। लेकिन 2019 के बाद हमने अपने क्षेत्र को डिजिटल होते हुए देखा है। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम डिजिटल इंडिया का हिस्सा है। यूटी में विकास और डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनाने का श्रेय हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जाता है। प्रधानमंत्री ने हमेशा ही देश की विकास यात्रा में सबको साथ लेकर चलने पर ध्यान दिया है।

 

 

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