मोहाली 18 नवंबर (गीता)। एनएसयूआई पंजाब के छात्रों के खिलाफ चंडीगढ़ प्रशासन के भेदभावपूर्ण कदमों को संबोधित करने के लिए अध्यक्ष ईशरप्रीत सिंह सिद्धू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पंजाब में नेशनल स्टूडैंट यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) के अध्यक्ष ईशरप्रीत सिंह सिद्धू ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पंजाब के छात्रों को प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाओं में प्रवेश से इनकार करने के चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले का विरोध किया। श्री सिद्धू ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि वह इसे पंजाब के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम मानते हैं।
सम्मेलन के दौरान, सिद्धू ने पंजाब और चंडीगढ़ के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय दोनों क्षेत्रों के बीच एकता की भावना के खिलाफ है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पंजाब को हाशिये पर धकेलने और चंडीगढ़ पर उसके अधिकारों को दबाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के स्कूलों में हमारे छात्रों को प्रवेश देने से इनकार करके पंजाब के प्रति भाजपा सरकार के भेदभाव को देखना निराशाजनक है। यह निर्णय न केवल पंजाब और चंडीगढ़ के बीच ऐतिहासिक संबंधों को कमजोर करता है, बल्कि समावेशिता और समानता के सिद्धांतों के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाता है। भाजपा से अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए, श्री सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाइयां केवल राज्यों के बीच विभाजन और दुश्मनी पैदा करने का काम करती हैं। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से अपनी शैक्षिक नीतियों में निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया। अंत में श्री सिद्धू ने कहा कि एन.एस.यू.आई यह पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य को हाशिये पर धकेलने या भेदभाव करने वाले किसी भी कदम का सक्रिय रूप से विरोध करेगा।