मोहाली 27 अप्रैल ( गीता ) । मोहाली प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शलिंदर आनंद ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जिन लोगों ने अपनी संपत्ति की बिक्री, हस्तांतरण, खरीद आदि के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) गमाडा के कार्यालय से ही प्राप्त करने के लिए इसमें शामिल होने और फोटो खींचने के अनिवार्य निर्देश हैं और इसके बिना एनओसी के कागजात जमा नहीं किए जाते। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि गमाडा का यह निर्णय दूसरों के लिए अच्छा है लेकिन यह विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग लोगों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर रहा है जो चलने फिरने में असमर्थ हैं और इस कारण गमाडा के इस निर्णय के कारण एनओसी के लिए उपस्थित होने से असमर्थ हैं।
एमपीसीए के पूर्व अध्यक्ष शलिंदर आनंद ने अपने पत्र में कहा है कि वर्तमान में तहसील कार्यालय से तहसीलदार ऐसे लोगों के घर जाकर दस्तावेजों का पंजीकरण करते हैं और उनकी पहचान करते हैं, जो उपरोक्त कारणों से तहसील कार्यालय तक नहीं पहुंच पाते हैं।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाना राज्य सरकार का कर्तव्य है, लेकिन गमाडा के मामले में यह कर्तव्य पूरा नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसलिए, पंजाब भर के सभी तहसील कार्यालयों की तरह, गमाडा और पुडा को भी वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों को उनके घर जाकर उनकी तस्वीरें लेने और उनकी शिनाख्त करने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे गमाडा के अधिकारियों को तुरंत निर्देश जारी करें क्योंकि वह खुद गमाडा के अध्यक्ष हैं और यह विभाग उनके अधीन आता है, ताकि वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों को अपनी संपत्तियों के संबंध में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्राप्त करने में कोई समस्या न हो। उन्होंने बताया कि इस पत्र की कॉपी मुख्य सचिव पंजाब, प्रमुख सचिव पंजाब सरकार आवास एवं शहरी विकास विभाग और मुख्य प्रशासक गमाडा को भेजी गई है।