मोहाली 17 नवंबर (गीता)। एस.आई.टी.यू पंजाब राज्य कमेटी के निमंत्रण पर शुक्रवार को मोहाली में श्रम आयुक्त के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। धरने की अध्यक्षता सीटू प्रदेशाध्यक्ष महा सिंह रोड़ी ने की। इस हड़ताल में महिला मजदूर, नरेगा, योजना मजदूर, निर्माण, भट्ठा और फैकट्री मजदूर बड़ी संख्या में शामिल हुए। पंजाब भर से सीटू से संबंधित यूनियनों के कार्यकर्ता बसों, ट्रकों और अन्य साधनों से धरने पर पहुंचे। इससे लेबर विभाग पंजाब, मोहाली के सामने की जमीन लाल दिखने लगी थी। यह धरना पंजाब सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ दिया गया।
धरनकारियों नेताओं के मुताबिक हड़ताल की मुख्य मांगों में 11 साल से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नहीं करना, आठ घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी की अधिसूचना रद्द करना, स्कीम वर्कर्स को ग्रेच्युटी का भुगतान करना, 3 से 6 साल के बच्चों को आंगनबाड़ियों में भेजना, अवैध ठेकेदारी को खत्म करना शामिल है, स्थायी कार्यों में लगे कर्मचारियों को नियमित करें, निजीकरण बंद करें, न्यूनतम पेंशन 10 हजार रुपये प्रति माह करें, नरेगा मजदूरो को 700 रुपये प्रतिदिन करें, ग्रामीण चौकीदारों का वेतन हरियाणा के समान करें, निर्माण मजदूरो के लाभों में की गई कटौती को बहाल करना आदि शामिल किया गया।
धरने को संबोधित करने वालों में सीटू की अखिल भारतीय सचिव उषा रानी, राज्य महासचिव चंद्र शेखर, आंगनवाड़ी अध्यक्ष सुभाश रानी, मनरेगा नेता शेर सिंह फरवाही, अमरनाथ कूमकलां, गुरनाम सिंह घनूर, निर्माण मजदूर नेता दलजीत कुमार गोरा, भट्टा मजदूर नेता गुरदर्शन शामिल थे। नायब सिंह लोचमा, जोगिंदर सिंह औलख, सुखमिंदर सिंह लोटे, परमजीत सिंह नीलो, नछत्तर सिंह, हनुमान प्रसाद, जसवन्त सिंह सैनी, गुरदीप सिंह मोहाली, सुरिंदर कौर सीमा ने संबोधित किया।
कॉमरेड चंद्र शेखर ने घोषणा की कि आज हम अपना मांग पत्र पंजाब के मुख्यमंत्री सहित लेबर डिपारटमैंट को देने के लिए एकत्र हुए हैं। अगर इन मांगों को तुरंत नहीं माना गया तो सीटू पंजाब सरकार के खिलाफ लगातार संघर्ष शुरू करेगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह 26 से 28 नवंबर तक किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली महा-पड़ाव में बड़ी संख्या में भाग लेंगे।