मोहाली 21 अगस्त (गीता)। फर्जी अमरूद बाग घोटाले के नाम से मशहूर गमाडा के एयरट्रोपोलिस सिटी प्रोजेक्ट के विकास कार्यों को लेकर कल टेंडर अलॉट करने की कार्रवाई का विरोध करते हुए पंजाब एंटी करप्शन संस्था के अध्यक्ष सतनाम सिंह दाऊं ने आरोप लगाया है कि यह टेंडर अलॉट कर गमाडा ने न सिर्फ भ्रष्टाचारियों को फायदा पहुंचाया है, बल्कि यह लोगों और सरकार के साथ धोखा है।
दाउ ने कहा कि यह परियोजना शुरुआत से ही विवादों से घिरी रही है और बड़े घोटालों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि गमाडा के अधिकारी इन घोटालों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जागरूक लोगों की संस्थाओं और इस प्रोजेक्ट से जुड़े बाकरपुर गांव के लोगों ने सरकार का ध्यान अरबों रुपये के नकली अमरूद घोटाले की ओर दिलाया है। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों के आधार पर ही विजिलेंस ब्यूरो ने शिकायत दर्ज की थी जिसके कारण कई पूर्व और वर्तमान भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और प्रॉपर्टी डीलरों को गिरफ्तार किया गया है और करोड़ों रुपये भी सरकारी खजाने में वापस आये हैं।
उन्होंने कहा कि गमाडा के उक्त प्रोजेक्ट में अमरुद बाग घोटाले का मुआवजा पाने वाले कुछ घोटालेबाज अभी तक संदिग्ध कारणों से विजिलेंस कार्रवाई से बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गमाडा अधिकारियों ने साजिश रचकर रैकेट चलाने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट के नक्शे और रोड मैप में बदलाव कर करीब 60 एकड़ जमीन छोड़ दी, जिसमें एयरपोर्ट गेट के पास गांव बाकरपुर स्थित दिल्ली के एक भाजपा नेता के रिश्तेदारों की 23 एकड़ जमीन भी शामिल है। इसमें रसूखदारों और जाली अमरूद बाग मुआवजा पाने वालों की 18 एकड़ जमीन और गमाडा की मिलीभगत और कोर्ट के आदेश के कारण छोड़ी गई 23 एकड़ जमीन शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा हालात में इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ तो जहां भू-माफिया को अरबों रुपये का फायदा होगा, वहीं पंजाब सरकार को सीधे तौर पर अरबों रुपये का नुकसान होगा। बता दें कि यह मामला अगस्त के पहले सप्ताह में पंजाब अगेंस्ट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ग्रामीणों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ उठाया गया था और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।