गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा कमजोर और गरीब तबके के छात्रों को दाखिला न देने का मामला… पंजाब आरटीई नियम 2011 के नियम 7(4) को हटाने की मांग ’ आरटीई एक्ट 2009 के तहत पिछले 13 सालों में एक भी स्कूल ने किसी भी छात्र को दाखिला नहीं दिया

By Firmediac news Oct 26, 2023
Spread the love

मोहाली 26 अक्तूबर (गीता)। आरटीई अधिनियम 2009 के तहत पंजाब आरटीई नियम 2011 के नियम 7(4) के अनुसार, पंजाब में गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल कमजोर और गरीब वर्ग के छात्रों को दाखिला ना दे कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित कर रहे हैं, बल्कि माननीय न्यायालय के आदेशों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
आज यहां मोहाली प्रेस क्लब में एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान ये शब्द ओंकार नाथ डिप्टी एडिशनल सीएजी, टीआर सारंगल सेवानिवृत्त आईएएस, फतेहजंग सिंह सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक पंजाब, ओ.पी. चोपड़ा एस.ई. (सेवानिवृत्त), कृपाल सिंह सेवानिवृत्त एओ, जसविंदर सिंह, तरसेम लाल सेवानिवृत्त डीएम (एनआईसी) ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 भारत की संसद द्वारा पारित किया गया और 1 अप्रैल 2010 को लागू हुआ। इस अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के अनुसार, सरकार से अनुदान प्राप्त नहीं करने वाले गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को कमजोर वर्गों के वंचित समूहों के कम से कम 25 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश देना जरूरी है।
नेताओं ने कहा कि पंजाब की आर.टी.ई. नियमावली, 2011 के नियम 7(4) के अनुसार कमजोर और वंचित वर्ग के छात्रों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिया जाना चाहिए। यदि वे सरकारी स्कूलों में प्रवेश पाने में विफल रहते हैं तो वे 25ः सीटों का लाभ उठाने के लिए संबंधित पंजाब सरकार के स्कूल से एनओसी प्राप्त करके निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि आरटीई अधिनियम 2009 के लागू होने के बाद से पंजाब में किसी भी छात्र को कोई एनओसी नहीं दी गई है जो निजी स्कूल में पढ़ सके। जिससे कमजोर वर्ग के छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित होकर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से पंजाब सरकार से पंजाब आरटीई नियम, 2011 के असंवैधानिक नियम 7(4) को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने ऐसा करने की जहमत नहीं उठाई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ऐसी धारा नहीं हटाई जिसके कारण पंजाब के कमजोर वर्ग के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो गए हैं तो निकट भविष्य में संघर्ष किया जाएगा।

 

 

 

 

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *