चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम का सातवां संस्करण एक भव्य समारोह के चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुआ शुरू
28 देशों के 100 से अधिक विशेषज्ञ लेंगे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के 9 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम में भाग
मोहाली 11 जुलाई (गीता)। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में आज 9 दिवसीय 7वां इंटरनेशनल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएफडीपी) संपन्न हुआ। इसका उद्देश्य यूनिवर्सिटी में शिक्षण संकाय के शिक्षण कौशल को बेहतर बनाना था। आईएफडीपी के समापन समारोह में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी ), डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो की संयुक्त सचिव, प्रोफेसर डॉ. सुनीता सिवाच, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर एस बावा भी उपस्थित थे।
9 दिनों तक चले इस कार्यक्रम में 28 देशों के 79 सार्वजानिक एवं निजी विश्वविद्यालयों के 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ और प्रोफेसर ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यक्तिगत रूप से भाग लिया था। इस कार्यक्रम के द्वारा शिक्षण संकाय को शिक्षण, अनुसंधान में आधुनिक जानकारी का उपयोग करके ज्ञान को बढ़ाने और आवश्यक कौशल तथा नई अवधारणाओं और तरीकों से परिचित करवाया गया । यूनिवर्सिटी के 25 से अधिक विभागों में संकायों के साथ व्याख्यान, स्क्रीनिंग और बैठकें आयोजित की गई जिन में पाठ्यक्रम विकास और अनुसंधान, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा यूनिवर्सिटी के सामने आने वाली चुनौतियों और समाधानों से संबंधित सत्र आयोजित किए गए । विदेशी विशेषज्ञों ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित आईएफडीपी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे एक अभूतपूर्व पहल बताया। उन्होंने हाल ही में जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में शानदार प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की सराहना भी की, जिसमेंयूनिवर्सिटी को भारत की नंबर 1 निजीयूनिवर्सिटी का स्थान दिया गया था।
प्रो (डॉ.) सुनीता सिवाच, संयुक्त सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो, ने सीयू के आईएफडीपी का हिस्सा बनने के लिए उत्साह व्यक्त किया और कहा, “मैं सीयू में आयोजित इस आईएफडीपी का हिस्सा बनकर खुश हूं। यह मेरे लिए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक अनुभव था।”
उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए कहा, हमने बहुत कम समय में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ते देखा है, यह बहुत खुशी की बात है। विश्वविद्यालय एनआईआरएफ और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर एस बावा ने कहा, “हमारा विश्वविद्यालय हमेशा वैश्विक मानक की शिक्षा प्रदान करने के लिए अपने शिक्षण और अनुसंधान प्रथाओं को आधुनिक बनाने और विकसित करने में विश्वास रखता है। आईएफडीपी का उद्देश्य संकाय सदस्यों को नए कौशल और ज्ञान से लैस करना था जो छात्रों में नए मूल्यों को विकसित करने और उन्हें सफल करियर की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम अपने संकाय सदस्यों के बीच अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए ढेर सारे अवसरों के साथ शैक्षणिक और बौद्धिक वातावरण को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।