चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम का सातवां संस्करण एक भव्य समारोह के चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुआ शुरू

By Firmediac news Jul 3, 2023
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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम का सातवां संस्करण एक भव्य समारोह के चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुआ शुरू
28 देशों के 100 से अधिक विशेषज्ञ लेंगे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के 9 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम में भाग

मोहाली 3 जुलाई (गीता)। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में आज 9 दिवसीय 7वां इंटरनेशनल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएफडीपी) 2023 शुरू हुआ। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय में शिक्षण संकाय के शिक्षण कौशल को बेहतर बनाना है।
आईएफडीपी के उद्घाटन समारोह में चंडीगढ़ में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त एच ई कैरोलीन रोवेट, भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव, डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया। जम्मू-कश्मीर राज्य फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष सुशील सूडान, पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष सुशील कुमार बंसल, भारतीय फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. मोंटू एम पटेल, राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर डॉ. भोला राम गुर्जर सम्मानित अतिथि थे। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ आर एस बावा भी उपस्थित थे ।
कार्यक्रम के दौरान 28 देशों के 79 सार्वजानिक एवं निजी विश्वविद्यालयों के 100 से अधिक अंतर्रा ष्ट्रीय विशेषज्ञ और प्रोफेसर ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे, जो शिक्षण, अनुसंधान, अद्यतन ज्ञान में नई अवधारणाओं और पद्धतियों के बारे में संकाय को जागरूक करेंगे तथा संकाय को शिक्षण, अनुसंधान में आधुनिक जानकारी का उपयोग करके ज्ञान को अद्यतन करने और आवश्यक कौशल से लैस करने में नई अवधारणाओं और तरीकों से परिचित कराएगा।
9-दिवसीय आईएफडीपी के दौरान, विश्वविद्यालय के 25 से अधिक विभागों के संकायों की भागीदारी के साथ कई व्याख्यान, स्क्रीनिंग और बैठकें आयोजित की जाएंगी। पाठ्यक्रम विकास और अनुसंधान, विश्वविद्यालय के सामने आने वाली चुनौतियों और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के संभावित समाधानों से संबंधित सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। यूके की उप उच्चायुक्त, कैरोलिन रोवेट ने दुनिया भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के साथ इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने के अवसर के लिए चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा अंतरराष्ट्रीय है, और कमरे के चारों ओर देखने पर हमने इसे रेखांकित किया है। अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग छात्रों और संकाय सदस्यों को सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अनुसंधान परियोजनाओं और सहयोगी डिग्री कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अमूल्य अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस से एकीकरण और नवाचार को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने आगे कहा, “शिक्षा भारत-ब्रिटेन संबंधों का दिल है और यह भारत-यूके 2030 रोडमैप में परिलक्षित होता है।
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) प्रमुख प्रो. टी.जी. -सीताराम, ने कहा, ष्चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम 2023 का आयोजन उच्च शिक्षा प्रणाली में किसी विश्वविद्यालय के लक्ष्यों, शिक्षण-अधिगम, अनुसंधान और सेवा कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय, अंतरसांस्कृतिक और वैश्विक आयाम को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान एवं रिसर्च चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) भोला राम गुर्जर ने कहा, “आईएफडीपी 2023 चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक अनूठी पहल है और हर संस्थान को इस का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजीवन सीखना एक खुशहाल और सफल जीवन की कुंजी है, और सीखने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के अध्यक्ष डॉ. मोंटू एम. पटेल ने कहा, “चंडीगढ़ विश्वविद्यालय चंडीगढ़ शहर को शिक्षा का केंद्र बनाने में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालाँकि, प्रशिक्षण और ज्ञान के बिना छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना असंभव है। उन्होंने कहा कि यह इंटरनेशनल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएफडीपी) कैंपस फैकल्टी को कुशल बनाने के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उन्हें वैश्विक ज्ञान हस्तांतरित करने की एक बेहतरीन पहल है।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने अंतरराष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम का हिस्सा बनने के निमंत्रण के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को धन्यवाद दिया और प्रतिभागियों के साथ अपनी राय, विचार तथा अनुभव साझा किये।उन्होंने कहा, “दुनिया लगातार बदल रही है, इसलिए छात्रों को भी सामग्री के विषय में कुछ अलग सीखने की जरूरत है। आज के युवा आजीवन सीखने वाले, चुनौती स्वीकार करने प्रगतिशील, समाधान प्रदाता, नेता और अंततः एक अच्छा इंसान बनने की आकांक्षा रखते हैं, जो आज की दुनिया में बने रहने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का उद्देश्य वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करना और समाज की सेवा के लिए पेशेवर नेता तैयार करना है।” इसलिए, विश्वविद्यालय संकाय को वैश्विक स्तर का ज्ञान हस्तांतरित करने और उनकी विशेषज्ञता का विस्तार करने की क्षमता बढ़ाने के लिए शिक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ हर साल अंतर्राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने आगे कहा कि यह बताते हुए बेहद गर्व हो रहा है कि हाल ही में जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 771-780 की प्रभावशाली समग्र रैंक हासिल किया है , जो यूनिवर्सिटी के लिए एक ऐतिहासिक पल है। सीयू को भारत में नंबर 1 निजी यूनिवर्सिटी और देश के सभी सार्वजनिक और निजी यूनिवर्सिटियों में 20वां स्थान दिया गया है।

 

 

 

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