चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एफएपी नेशनल अवार्ड्स 2023 के दूसरे दिन 27 शिक्षकों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से किया गया सम्मानित एफएपी नेशनल अवार्ड्स 2023 के समापन दिवस पर 26 प्रधानाचार्यों और 26 स्कूलों को अद्वितीय शिक्षण पद्धतियों को अपनाने के लिए किया गया पुरस्कृत केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने नवोन्वेषी शिक्षण-सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार श्रेणी में 337 शिक्षकों को किया सम्मानित

By Firmediac news Nov 26, 2023
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मोहाली 26 नवंबर (गीता)। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व का पता इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रौद्योगिकी के ज्ञान के माध्यम से ही हम 21वीं सदी में दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का स्थाई समाधान प्रदान कर सकते हैं। उपरोक्त विचार एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 के समापन समारोह के दौरान 26 नवंबर (रविवार) को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली के परिसर में शिक्षकों, प्रिंसिपलों और छात्रों को सम्बोधित करते हुए विदेश एवं शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने व्यक्त किया । गौरतलब है कि फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स एंड एसोसिएशन इन पंजाब (एफएपी) नेशनल अवार्ड का तीसरा संस्करण आज 26 नवंबर (रविवार) को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में संपन्न हुआ। एफएपी अवार्ड्स के दूसरे एवं अंतिम दिन, निजी स्कूलों, शिक्षकों और प्रिंसिपलों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और योगदान के लिए सम्म्मानित किया गया।
एफएपी पुरस्कारों के समापन समारोह की अध्यक्षता भारत सरकार के विदेश एवं शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने की। इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रमुख हस्तियों में लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, वाईएसएम, वीएसएमय सुश्री अमरजीत कौर दालम, उप सचिव अकादमिक योजना शाखा – पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्डय प्रो. (डॉ.) डेविड वाटर्स, विदेशी परिसरों और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा (टीएनई) के अकादमिक निदेशक, डॉ. कुलवंत सिंह, वैश्विक राजदूत विश्व कैंसर देखभालय डॉ. (प्रो.) आर.एस. बावा, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. मनप्रीत सिंह मन्ना तथा एफएपी के अध्यक्ष डॉ. जगजीत सिंह धुरी भी शामिल थे।
एफएपी नेशनल अवार्ड्स के दूसरे दिन प्रिंसिपलों, स्कूलों और शिक्षकों को कुल 416 अवार्ड्स प्रदान किये गए, जिनमें 364 शिक्षक, 26 प्रिंसिपल और 26 स्कूल शामिल थे। 337 शिक्षकों को इनोवेटिव टीचिंग श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिनमें से 281 पुरस्कार विजेता पंजाब के निजी स्कूलों से थे, जबकि पुरस्कार प्राप्त करने वाले 56 निजी स्कूल शिक्षक पूरे भारत से थे। 27 शिक्षकों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला, जिनमें पंजाब के 22 शिक्षक और अन्य राज्यों के 05 शिक्षक शामिल हैं। यूनिक प्रैक्टिस अवार्ड्स श्रेणी में, निजी क्षेत्र के 26 स्कूलों और 26 प्रिंसिपलों को 52 पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें से 42 पुरस्कार विजेता पंजाब से और 10 अन्य भारतीय राज्यों से थे।
डॉ. राजकुमार रंजन ने कहा, “समाज और राष्ट्र में समानता, सतत विकास और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा अत्यधिक आवश्यक है। समाज के वंचित वर्गों की सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए शिक्षा तक अधिकतम पहुंच प्रदान करना बहुत आवश्यक है। भारत के विकास, राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति, देश की वैश्विक स्थिति को ऊपर उठाने और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के माननीय प्रधान मंत्री के सपने को साकार करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बेहद जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, “भारत में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी है और शिक्षा उन्हें उनकी वृद्धि और विकास के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा सुधार बन चुके एनईपी की मुख्य विशेषता यह है कि यह एक ओर जहां छात्रों को बहु-विषयक शिक्षा प्राप्त करने के लिए विकल्प प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर यह भारत के युवाओं को भविष्य के लिए भी तैयार करती है।
ओवरसीज कैंपस और ट्रांसनेशनल एजुकेशन (टीएनई) के अकादमिक निदेशक प्रो. (डॉ.) डेविड वाटर्स ने कहा, शिक्षित होने से न केवल किसी व्यक्ति के पारस्परिक कौशल में सुधार करने में मदद मिलती है, बल्कि परिवार,समाज, और राष्ट्र के लिए आर्थिक उत्थान का मार्ग विकसित करने में भी मदद मिलती है।ष् एफएपी राष्ट्रीय अवार्ड्स भारत में स्कूली शिक्षा में उत्कृष्टता के शिखर का प्रतिनिधित्व करते है। एफएपी के अध्यक्ष डॉ. जगजीत सिंह धुरी ने कहा, “पंजाब राज्य में, स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर पढ़ने वाले कुल छात्रों में से लगभग 55 प्रतिशत छात्र निजी स्कूलों में है। इसलिए, निजी स्कूल राज्य में विशेषकर छात्राओं के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में सुधार लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. मनप्रीत सिंह मन्ना ने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने हमेशा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का समर्थन किया है और एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ जुड़ना इस दिशा में ऐसा ही एक महत्वपूर्ण कदम है। जहां एक ओर फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ पंजाब पंजाब राज्य में जमीनी स्तर पर शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है, वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी पंजाब को भारत में उच्च शिक्षा के लिए पसंदीदा स्थान बनाने में योगदान दे रही है। ”

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