चौथे स्पाइन20 वार्षिक समिट में स्पाइन केयर पर चर्चा हुई
80 प्रतिशत लोगों को कभी न कभी गर्दन या कमर के दर्द से जूझना पड़ता है: स्वास्थ्य विशेषज्ञ
मोहाली 12 अगस्त (गीता)। चौथे स्पाइन20 वार्षिक समिट में रीढ़ की देखभाल पर जी20 देशों के लिए सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया गया। इस समिट में दुनिया भर की स्पाइन सोसाइटियों को एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर लाया गया। इस समिट की मेजबानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन ऑफ इंडिया ने इंडिया हैबिटेट सेंटर में की। स्पाइन20 2023 के अध्यक्ष और स्पाइन20 की कार्यकारी समिति के सदस्य डॉ. एचएस छाबड़ा ने इस बारे में कहा कि कम से कम 80 प्रतिशत आबादी अपने जीवन के किसी न किसी समय में पीठ दर्द का अनुभव आने वाले समय में करेगी। दुनिया भर के अधिकांश देशों में पीठ दर्द विकलांगता का सबसे बड़ा कारण है। रीढ़ की सेहत में सुधार लाने, विशेषकर वंचित तबकों में, और रीढ़ की बीमारी के बोझ को कम करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्पाइन20 2023 इस साल विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस साल जी20 की अध्यक्षता भारत के पास है और जी20 के विभिन्न संगोष्ठियों के सबडोमेन में इस तरह के मुद्दे को प्राथमिकता दी गयी हैं। जी20 देशों के लिए साल की मुख्य सिफारिशों में से एक नेशनल स्पाइन केयर प्रोग्राम बनाना है। चंडीगढ़ स्पाइनल रीहैब की फाउंडर और सीईओ निक्की पी. कौर कहती हैं कि यह बहुत अच्छी बात है कि इस सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, क्योंकि हमारा देश सभी लोगों के संपूर्ण कल्याण के ठोस तरीके तलाश करने की कोशिशों में भी लगा हुआ है। रीढ़ की हड्डी से संबंधित मामलों से पूरे देश और दुनिया में हजारों लोगों के जीवन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। अगर हम चंडीगढ़ या हरियाणा और पंजाब क्षेत्र की बात करें, तो यहां 80 प्रतिशत लोगों को कभी न कभी गर्दन या कमर के दर्द से जूझना पड़ता है।