मोहाली 27 नवंबर (गीता)। पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती मनाने के लिए, गिलको इंटरनेशनल स्कूल, मोहाली में गुरुपर्व उत्सव एक हर्षोल्लासपूर्ण कार्यक्रम था, जो छात्रों और शिक्षकों को सांस्कृतिक समृद्धि एवम आध्यात्मिक श्रद्धा के रूप में एकजुट करता था। कार्यक्रम की शुरुआत श्री सुखमनी साहिब पाठ से हुई, जिसके बाद भावपूर्ण कीर्तन और प्रार्थना की गई, जिसमें गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का समावेश किया गया, जिसमें मानव जाति के लिए प्रेम, समानता और सेवा पर जोर दिया गया। इस मौके अध्यक्ष रणजीत सिंह गिल की उपस्थिति ने इस आयोजन में सम्मान और महत्व की गहरी भावना जोड़ दी। उत्सव के बाद, उपस्थित सभी लोगों को पवित्र कढ़ाह प्रसाद ग्रहण किया । स्कूल के समूह स्टाफ ने लंगर का आनंद लिया । छात्रों और शिक्षकों को गुरु के सच्चे मूल्यों नाम जपो, किरत करो और वंड छको की निःस्वार्थ सेवा में समान रूप से भाग लेते देखना बहुत खुशी की बात थी। सेवा (निःस्वार्थ सेवा) के इस कार्य ने गुरुपर्व के मूलभूत मूल्यों को प्रतिध्वनित किया, जिससे उपस्थित सभी लोगों के बीच एकता और विनम्रता को बढ़ावा मिला। स्कूल की प्रधानाचार्य रुचि शर्मा के मुताबिक एक धार्मिक आयोजन से परे, यह हमारी सामूहिक मानवता की एक मार्मिक याद के रूप में कार्य करता है, जो हमारे स्कूल के लोकाचार में करुणा और एकजुटता के महत्व पर जोर देता है।