मोहाली 24 अक्तूबर (गीता)। मोहाली शहर का मुख्य दशहरा इस बार पफेस-8 में न मनाए जाने के चलते सैक्टर-78 में धूमधाम से मनाया गया और जैसे ही पुतलों को आग लगाई गई सभी पुतले धूं धू कर जल उठे और पूरा मेला जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठा ।
उपरोक्त जगह पर मुख्यातिथि के तौर पर मोहाली की डीसी मैडम सुश्री आशिका जैन ने मोहाली के मैदान में दशहरा पूजा में भाग लिया । उन्होंने भगवंत सिंह मान की प्रतिबद्धता के अनुसार विजय दशमी के अवसर पर पंजाब से नशे को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेने का निमंत्रण दिया।
उन्होंने दशहरा कमेटी मोहाली द्वारा इस बार रावण, कुंभकरण और मेघनाथ की पारंपरिक तीन पुतलों के साथ-साथ नशे के पुतले जलाने के लिए लाई गई जागरूकता की सराहना करते हुए कहा कि हम विजय दशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं, लेकिन अब बुराइयां बदल गई हैं। उनका आकार नशीली दवाओं का रूप ले लिया, जिसके उन्मूलन और समाज विशेषकर युवा पीढ़ी को बचाने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बुराइयों का अंत अवश्य होता है और हम आशा करते हैं कि हम बुराइयों को जलाने की प्राचीन परंपरा को जीवित रखते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों पर भी विजय प्राप्त करें। डीसी मोहाली ने भावी पीढ़ी को अच्छा संदेश देने के लिए पिछले 46 वर्षों से दशहरा मेला आयोजित करने के लिए आयोजन समिति को धन्यवाद दिया ।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया कि मोहाली में बड़े कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जल्द ही एसएएस नगर में एक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए गमाडा इस पर काम कर रहा है। जबकि दशहरे मेले में जैसे ही शाम होती गई पहले श्री राम और रावण की सेना में भयंकर युद्व हुआ और एक के बाद एक रावण के महारथियों को हार का मुंह देखना पडा जिसके बाद रावण कुंभकरण और मेघनाद की मौत के बाद सभी पुतला को एक-एक करके आग लगाई गई और सभी पुतले शानदार पटाखों की आवाज में धूं धू कर जल उठे, वहीं देर शाम तक दशहरा मेला मोहाली कमेटी की ओर से की जाने वाली आतिशबाजी एक के बाद एक जबदरस्त की गई जिसे देखने के लिए पुतलों के जलने के बाद भी भारी संख्या में दर्शकों की भारी भीड जमा रही, इस दौरान पुलिस का कडा पहरा था ।