मोहाली 9 अक्तूबर (गीता)। राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाईपर) मोहाली में फार्मास्युटिकल अनुसंधान और ज्ञान के लिए आर्टिफीशियल इन्टेलिजेंस समाधान (एआई-स्पार्क 2023) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। यह सम्मेलन फार्मास्युटिकल विज्ञान में एआई नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के औषध विभाग (डीओपी) की एक पहल है। सम्मेलन का उद्देश्य दवा की खोज और विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों को एक साथ लाना है। सम्मेलन में विविध ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियाँ, संवादात्मक कार्यशाला और आकर्षक चर्चाएँ होंगी, जो ज्ञान के आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेंगी।
एक प्रभावशाली लाइन-अप के साथ, एआई-स्पार्क 2023 में लगभग 23 आमंत्रित वक्ता शामिल होंगे, जिसमें भारत के बेहतरीन संस्थानों और उद्योग के शीर्ष स्तरीय अकादमिक योगदानकर्ताओं के साथ साथ अमेरिका और ब्रिटेन के सम्मानित अंतरराष्ट्रीय वक्ता शामिल होंगे।
सेमवार को सम्मेलन का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान, फार्माकोइनफॉर्मेटिक्स विभाग की प्रमुख प्रोफेसर प्रभा गर्ग ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया। उन्होंने फार्मा और अन्य क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के विकास, अनुप्रयोगों और क्षमता के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सम्मलेन में 300 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं तथा 99 पोस्टर प्रदर्शित किये जायेंगे। इसके बाद नाईपर, एसएएस नगर के निदेशक प्रो.दुलाल पांडा द्वारा संबोधन दिया गया। उन्होंने उल्लेख किया कि यह औषध विभाग (डीओपी), रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है और उन्होंने इसके लिए सुश्री एस. अपर्णा, सचिव, औषध विभाग, भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे बताया कि सम्मेलन का लक्ष्य यह पता लगाना है कि फार्मा क्षेत्र में एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जा सकता है क्योंकि एआई की संभावनाएं असीमित हैं। इसके बाद औषधीय रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पीवी भारतम द्वारा एआई-स्पार्क 2023 सम्मलेन के बारे में प्रारंभिक जानकारी प्रदान की गयी । उन्होंने बताया कि नाईपर, एसएएस नगर 2003 में फार्माकोइंफॉर्मेटिक्स पाठ्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला संस्थान था।
मुख्य भाषण सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक प्रो. समीर के ब्रह्मचारी ने दिया। उन्होंने ष्एआई युग में हेल्थकेयर टेक्नोलॉजीज कैन इंडिया पोल वॉल्ट विद सॉफ्ट लैंडिंग पर बात की। उन्होंने बताया कि जिस तरह से भारत ने भारतीय हरित क्रांति, भारतीय श्वेत क्रांति, भारतीय आईटी क्रांति, भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्रांति और भारतीय मोबाइल फोन क्रांति को साबित किया है, क्या भारत इसे हेल्थकेयर टेक्नोलॉजीज में दोहरा सकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण और एआई स्वास्थ्य देखभाल के लिए गेम चेंजर है और भारत इस विज्ञान में अनुसरण करने कि बजाए अग्रणी हो सकता है। उद्घाटन समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
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