मोहाली 23 अगस्त (गीता)। पंजाब सरकार द्वारा अनाधिकृत कॉलोनियों के प्लाटों व मकानों आदि की रजिस्ट्रियों पर लगाई गई रोक के खिलाफ लोगों को लामबंद कर रहे आम आदमी घर बचाओं मोर्चा पंजाब की एक बैठक गांव जुझार नगर में हुई, जिसमें बार माजरा, जुुझार नगर, बहलोलपुर, झांमपुर और बलौंगी के निवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। बैठक के दौरान सरकार की कार्रवाई का विरोध करते हुए पंजाब न्यू कैपिटल पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट 1952 को रद्द करने की मांग की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के संयोजक हरमिंदर सिंह मावी ने कहा कि सरकार खुलेआम जनता के साथ धक्का कर रही है. उन्होंने कहा कि झुझारनगर गांव करीब 30 से 35 साल पहले बसा था और सरकार ने यहां करोड़ों रुपये की ग्रांट खर्च की है। इसी तरह गांव बलौंगी, बहलोलपुर, झामपुर के पास भी हजारों की संख्या में मकान बन कर लोग पिछले 30-35 वर्षों से रह रहे हैं। इस इलाके की कुल आबादी करीब 4 लाख है।
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने लोगों के प्लाटों व मकानों की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी है। सरकार ने इन कॉलोनियों की रजिस्ट्रियां बंद कर दी हैं और गांवों की लाल रेखा के भीतर की आबादी की रजिस्ट्रियों पर भी रोक लगा दी है। इसी तरह पंजाब में 1 कनाल से कम जमीन की रजिस्ट्रियां बंद कर दी गई हैं और बिजली कनेक्शन भी बंद कर दिए गए हैं. सरकार के इस फैसले से पंजाब के 1 करोड़ 90 लोग प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में ऐसी 20,000 कॉलोनियां बनी हैं और 12581 गांव हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार जिन कॉलोनियों को अनाधिकृत बता रही है। इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों ने आम आदमी पार्टी के 92 विधायकों को चुनकर विधानसभा में भेजा. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से मजदूर, राजमिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, रेत-बजरी व्यापारी और ट्रांसपोर्टर बेरोजगार हो गये हैं. सरकार के इस फैसले से पंजाब में 60 फीसदी रजिस्ट्रेशन कम हो रहे हैं और अगर सरकार का यही रवैया रहा तो पंजाब में आने वाले पंचायत, नगर निगम और लोकसभा चुनाव में जनता आम आदमी पार्टी को बुरी तरह हरा देगी।
इस मौके पर फ्रंट के कानूनी सलाहकार एडवोकेट दर्शन सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब के आला अधिकारी इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और अन्य संबंधित मंत्रियों को सही जानकारी नहीं दे रहे हैं और छवि खराब कर रहे हैं। सरकार। उन्होंने कहा कि सबसे पहले संबंधित विभागों के अधिकारियों को जनता और मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि जिन निर्माणों को वे अवैध बता रहे हैं, वे किसकी सहमति और मौजूदगी में बने हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की इन कॉलोनियों और गांवों में रहने वाले लोगों का यह संवैधानिक और कानूनी अधिकार है कि वे अपनी संपत्ति, मकान और प्लॉट बेच सकते हैं और उन्हें बिजली कनेक्शन लेने का भी अधिकार है। उन्होंने कहा कि कानून और संविधान के मुताबिक सरकार किसी व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन कराने या अपने घर में बिजली लगाने से नहीं रोक सकती। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा मनजीत राणा (सरपंच बहलोलपुर), गुरप्रीत सिंह ढिडसा (सरपंच झुझार नगर), राजकुमार पूर्व सरपंच, मुख्तियार सिंह, नाहरो देवी, बिमला देवी, दर्शन कुमार, अमरजीत सिंह मोनी, हरजीत सिंह (सभी पंच) , सुखदीप सिंह सरपंच झामपुर और मुहम्मद सलीम खान आदि भी मौजूद थे।