पंजाब में पंचायतें भंग करने के मामले पर कांग्रेस पार्टी ने दिया धरना, विकास भवन सामने राज्य की समूची कांग्रेस लीडरशिप ने दिखाई ताकत

By Firmediac news Aug 22, 2023
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पंजाब में पंचायतें भंग करने के मामले पर कांग्रेस पार्टी ने दिया धरना, विकास भवन सामने राज्य की समूची कांग्रेस लीडरशिप ने दिखाई ताकत
पूर्व वित्तय मंतरी मनप्रीत सिंह बादल सहित, भाजपा पंजाब प्रधान सुनील जाखड और पूर्व सीएम पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिया आडे हाथों

Firmedia C News Channel Team Mohali

मोहाली 22 अगस्त (गीता)। पंजाब में पंचायतें भंग करने पर कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नेतृत्व में मोहाली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ विशाल धरना दिया गया और बारिश के दौरान कांग्रेस पार्टी की समूची लीडरशिप जिसमें एलओपी प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व कैबिनेट मंतरी साधू सिंह धर्म स्रोत, प्रगट सिंह, कैंप्टन संदीप संधू, सुखपाल सिंह खेहरा, राजीव गांधी पंचायती राज्य संगठन इंडियन नैशनल कांग्रेस के जिला मोहाली प्रधान पहलवान अमरजीत सिंह गिल सहित समूची बडी लीडरशिप एक मंच पर एकऋित हो कर मोहाली के विकास भवन के सामने धरना दिया और जमकर सरकार का पिट सियापा किया ।

गौरतलब है कि फोर्टिस अस्पताल के पास विकास भवन के पंचायत डायरेक्टर ऑफिस के बाहर भारी संख्या में कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप उपस्थित हुई और सरकार के खिलापफ अपनी आवाज को बुलंद किया। इस दौरान राजा वड़िंग ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस असंवैधानिक फैसले से पंचायतों के अधिकार छीने हैं। इस फैसले से विकास कार्य प्रभावित होंगे। सरकार ने सभी ग्रामीणों से धोखा किया है।
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13 हजार पंचायतें, कोर्ट में दायर याचिका

इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए राजा वड़िंग और राजीव गांधी पंचायती राज्य संगठन इंडियन नैशनल कांग्रेस के जिला मोहाली प्रधान पहलवान अमरजीत सिंह गिल ने कहा है कि राज्य सरकार के पंचायती राज खत्म करने के असंवैधानिक फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं, जहां राज्य सरकार चुनाव करवाएगी। सूत्रों के अनुसार, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर को हो सकते हैं, जबकि ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर को कराए जा सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
पंजाब सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने के फैसले पर सभी सियासी दलों ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मान सरकार पर ग्रामीणों से उनका हक छीनने का काम किया है। सरकार के इस फैसले से पंचायती राज के नुमाइंदों में भी काफी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 15 अगस्त को ऐलान किया था कि पंचायत चुनाव में जो गांव सर्वसम्मति से सरपंच चुनेंगे, उन गांवों को राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए 5 लाख एडवांस देगी, लेकिन गांव अपना सरपंच चुने, न कि किसी पार्टी का। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने ग्राम पंचायतों को पंजाब पंचायती राज एक्ट-1994 की धारा 29-ए के तहत भंग किया है। पंचायती रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए सामाजिक शिक्षा एवं पंचायत अफसर, पंचायत अफसर, जूनियर इंजीनियर और ग्रामीण विकास अफसर प्रबंधक नियुक्त किए जा रहे हैं। प्रबंधकों को 14 अगस्त तक ग्राम पंचायतों का बंटवारा कर पेन ड्राइव समेत सॉफ्ट कॉपी के माध्यम से प्रोफार्मा भेजने के आदेश जारी किए गए थे। इस दौरान उपस्थित कांग्रेस पार्टी की ने अन्य सीनियर लीडरों ने भाजपा के लीडर एवम पूर्व वित्तय मंतरी मनप्रीत सिंह बादल सहित, भाजपा पंजाब प्रधान सुनील जाखड और पूर्व सीएम पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह को आडे हाथों लिया और शब्दों से कडे प्रहार किया और कहा कि इन लोगों की बदौलत कांग्रेस आज इस कगार पर पहुंची, लेकिन कंाग्रेस किसी भी मायने में कहीं कोई कमजोर नहीं है और आने वाले चुनावों में पता चल जायेगा।

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