मोहाली 28 नवंबर (गीता)। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले तीन दिनों से मोहाली में चंडीगढ़ बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने मार्च खत्म करने की घोषणा कर दिया है। इस संबंध में स्थिति सुबह से ही बननी शुरू हो गई थी जब किसान नेताओं ने पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह से मुलाकात की और शांत माहौल में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि किसान 4 दिसंबर को सरकार को एक मांग पत्र सौंपेंगे, जिसमें उन सभी मांगों का जिक्र होगा, जिन्हें वे सरकार से पूरा कराना चाहते हैं। कृषि मंत्री के साथ हुई बैठक में तय हुआ कि 19 तारीख को मुख्यमंत्री के साथ किसानों की पैनल मीटिंग होगी, जिसमें विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे। मंत्री ने आश्वासन दिया कि मौके पर ही किसानों की मांगों को सुन कर समाधान के लिए कार्रवाई की जायेगी।
इसके बाद किसान राजभवन गए और पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्यपाल से मांग की कि सभी फसलों का एम.एसपी। सी 2 प्लस़ 50 प्रतिशत फार्मूले पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए और लागत कम करने के लिए बीज, खाद और बिजली सब्सिडी में बढ़ोतरी की जाए, किसानों और मजदूरों की आत्महत्याओं को रोका जाए, किसानों और मजदूरों पर लगे संपूर्ण कर्ज का भुगतान किया जाए, बिजली विद्युत निजीकरण (संशोधन) विधेयक-2022 को निरस्त किया जाए और इस नीति के तहत लगाए जा रहे प्रीपेड मीटर (स्मार्ट चिप मीटर) की स्थापना बंद की जाए, पूरे देश में खाद्य सुरक्षा की गारंटी दी जाए और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए। कॉरपोरेट समर्थक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि या बीमारी से बर्बाद हुई फसलों के नुकसान के लिए एक सरल और किसान हितैषी बीमा योजना लागू की जाए, जिसकी सभी किश्तें सरकार द्वारा भुगतान की जाएंगी। इसके अलावा 60 वर्ष से ऊपर के किसान ,पुरुष और महिला 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाए,लखीमपुर खीरी घटना के शहीदों को न्याय दिया जाए और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से हटा कर मुकदमा चलाया जाए। किसानों की मांग है कि किसान संघर्ष के दौरान रेलवे समेत किसानों और नेताओं पर दर्ज सभी मुकदमे रद्द किये जाएं, आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दी जाए।
किसान नेताओं के मुताबिक राज्यपाल के साथ किसानों की हुई बैठक में राज्यपाल के आश्वासन के बाद यूनियन ने सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए फिलहाल धरना स्थगित करने की घोषणा की। धरना समाप्त करने की घोषणा के बाद किसान नेताओं और सदस्यों ने अपने ट्रैक्टर ट्रॉली और विभिन्न वाहनों को धरना स्थल से वापस ले जाना शुरू कर दिया और देर शाम तक धरना स्थल से किसान अपने घरों को वापस चले गए ।