पंजाब सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित भूूमि को खेती योग्य बनाने के लिए 5 अक्टूबर तक किसानों को खेतों में जमा रेत हटाने की अनुमति
रेत हटाने की प्रक्रिया के संबंध में जिला खनन अधिकारी को पूर्व सूचना देना अनिवार्य
Firmedia C News Channel Team
मोहाली 4 अक्तूबर (गीता)। पंजाब सरकार ने हाल ही में आई बाढ़ में नदियों का रुख बदलने के कारण बर्बाद हुई जमीन को फिर से जोतने की किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए उन्हें अपने खेतों में जमा रेत हटाने की इजाजत दे दी है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन, जिन्होंने घग्गर नदी का रुख बदलने के कारण डेराबस्सी उपमंडल क्षेत्र की बर्बाद हुई की फसल की मार झेल रहे किसानों की मांग को पंजाब सरकार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण ऽाूमिका निऽााई थी, ने बताया कि पंजाब सरकार का यह फैसला उन किसानों के लिए वरदान साबित होगा जो खेती योग्य अपने खेतों में जमा रेत को लेकर काफी परेशान थे और जो कृषि ऽाूमि से जमा रेत को हटाने की मांग कर रहे थे और इस संबंध में सख्त खनन नीति के कारण वे असहाय थे उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ऽागवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के निर्णय के अनुसार किसान 5 अक्टूबर, 2023 तक अपने खेतों से रेत की परत हटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि माइन्स एंड मिनर्ल्ज (विकास व विनियमन) अधिनियम, 1957, (1957 का केन्द्रीय अधिनियम 67) के तहत अधिसूचित पंजाब लघु खनिज नियम, 2013 के नियम 90 में प्रदत्त शक्तियां और इस संबंध में सक्षम अन्य सऽाी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंजाब सरकार ने प्रऽाावित किसानों को बाढ़ वाले खेतों से रेत निकालने की अनुमति दे दी है। हालांकि, वे किसान मिट्टी हटाने और नीलामी के माध्यम से जिला खनन अधिकारियों द्वारा मिट्टी के निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि एसओपी के मुताबिक राज्य में बाढ़ के कारण किसान अपने खेतों में जमा रेत को हटा सकते हैं। इसकी सूचना किसानों द्वारा संबंधित जिला खनन अधिकारी के संबंधित कार्यालय को दी जाएगी। जिला खनन अधिकारी का कार्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि किसी ऽाी स्वीकृत कृषि खदान (सीएमएस या पीएमएस) से ऐसा कोई संचालन नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि जिला खनन अधिकारी कार्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि उक्त नोटीफिकेशन की आड़ में खनन खनिजों का अवैध खनन न हो। इस प्रक्रिया के क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी ऽाी विवाद का निपटारा संबंधित डिप्टी कमिश्नर के स्तर पर किया जाएगा और उनका निर्णय सऽाी पक्षों पर बाध्यकारी होगा। उन्होंने कहा कि उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी ऽाी व्यक्ति को अवैध गतिविधि का दोषी माना जाएगा और खनन अधिनियम या खनन नियमों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।