मोहाली 27 नवंबर (गीता)। मारेंगो एशिया हॉस्पिटल ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में सबसे आगे है, जिसमें हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और सबसे जटिल सर्जरी माना जाता है। अस्पताल में लंग्स ट्रांसप्लांट कार्यक्रम की कमान लंग्स ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर, डॉ. ज्ञानेश ठक्कर और उनकी टीम के हाथों में है।
उपरोक्त विषय पर जानकारी देते हुए अस्पताल के प्रबंधकों ने बताया कि इन्टर्सि्टशल लंग्स डिजीज फेफड़ों पर बुरा असर डालने वाले सामान्य कारकों में से एक है, जो कई तरह के रोगों का एक समूह है। इसमें इंटरस्टिटियम, यानी फेफड़ों में हवा की थैली के चारों ओर मौजूद और उन्हें सहारा देने वाले टिश्यू में सूजन और घाव (फाइब्रोसिस) हो जाता है। इन बीमारियों उनकी वजह से फेफड़ों को लगातार नुकसान हो सकता है और इस अंग के कामकाज में रुकावट आ सकती है। इन्टर्सि्टशल लंग्स डिजीज कई वजह से होते हैं, जिनमें पर्यावरण से जुड़े जोखिम, ऑटोइम्यून रोग, संक्रमण और आनुवंशिक कारक शामिल हैं।
लंग्स ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के डायरेक्टर, डॉ. ज्ञानेश ठक्कर कहते हैं कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञता वाले टीमों के एकजुट होकर काम करने और अलग-अलग विषयों के माहिर द्वारा साथ मिलकर देखभाल करने की जरूरत होती है, जिसमें टीम का हर सदस्य सही तालमेल और अव्वल दर्जे की विशेषज्ञता के साथ अपना काम करता है। लंग्स ट्रांसप्लांट सभी तरह के ऑर्गन ट्रांसप्लांट में सबसे जटिल सर्जरी में से एक है, जिसमें बीमार व्यक्ति के फेफड़े को मृत दाता के फेफड़े से बदला जाता है। हम सर्जरी करने के साथ-साथ एक ऐसा इकोसिस्टम भी बना रहे हैं, जिसमें इस बीमारी के लक्षणों को समझने और जल्द से जल्द सही इलाज के लिए फेफड़ों के विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करने के बारे में जागरूकता फैलाना सबसे ज्यादा मायने रखता है। हम उम्मीद करते हैं कि अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाकर हम लंग्स ट्रांसप्लांट कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकेंगे, ताकि हम लंग्स फेल्योर के अंतिम चरण के ज्यादा-से-ज्यादा मरीजों की जान बचा सकें।