मुंबई में मुस्लिम नेताओं ने समावेशी नीतियों के माध्यम से मुस्लिम समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की आईएमएफ कन्वीनर और सीयू चांसलर सतनाम सिंह संधू ने अल्पसंख्यक समुदाय के अध्ययन के लिए समर्पित अपनी तरह के पहले शोध केंद्र की घोषणा की

By Firmediac news Nov 28, 2023
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मोहाली 28 नवंबर (गीता)। एकता, सांप्रदायिक सद्भाव, अखंडता और राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने के लिए, इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन (आईएमएफ) ने गत दिवस को मुंबई के बिरला मातोश्री सभागार में एक सद्भावना कार्यक्रम – जज्बा-ए-हब्ब-उल-वतनी आयोजित किया, जिसमें आध्यात्मिक नेता, मौलवी, शिक्षाविद, विद्वान, व्यापारियों, बॉलीवुड तथा संगीत जगत से मुस्लिम समुदाय के प्रमुख सदस्य बड़ी संख्या में एक साथ आए और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए ऐतिहासिक मुंबई संकल्प पारित किया।
मुस्लिम सामाजिक-राजनीतिक नेताओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना की, इस बात पर जोर दिया कि कैसे उनकी सरकार की समावेशी नीतियों ने धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है और देश भर में मुस्लिम समुदाय के भीतर अद्वितीय विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। कार्यक्रम में सभी मुस्लिम संप्रदायों- सुन्नी, शिया, सूफी, अहमदिया, दाऊदी बोहरा और पसमांदा मुसलमानों की कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। इन नेताओं ने मुस्लिम आबादी की सामाजिक-आर्थिक उन्नति में योगदान करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में समान अवसर सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को हासिल करने के लिए देश की प्रगति और विकास के लिए अपना एकजुट रुख भी व्यक्त किया।
मुस्लिम नेताओं ने जोर देकर कहा कि वे भारत के खिलाफ किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे और वे गर्वित भारतीयों के रूप में देश के दुश्मनों को उचित जवाब देंगे। कार्यक्रम में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के लिए अटूट समर्थन प्रदर्शित करने और इस सपने को प्राप्त करने में समर्थन और सक्रिय योगदान का वादा करते हुए एक प्रस्ताव मुंबई संकल्प भी पारित किया। महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विकास और औकाफ मंत्री अब्दुल सत्तार अब्दुल नबी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए । कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल में भामला फाउंडेशन के संस्थापक और पर्यावरणविद् आसिफ भामला य अखिल भारतीय मेमन जमात के अध्यक्ष इकबाल मेमनय शिया उलमा बोर्ड महाराष्ट्र के अध्यक्ष और ऑल इंडिया शिया पर्सनल बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना जहीर अब्बास रिजवीय प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान और सामाजिक व्यक्ति डॉ. मौलाना कल्बे रुशैद रिजवीय अंजुमन इस्लाम के अध्यक्षडॉ. जहीर क़ाजीय राष्ट्रीय सूफी इस्लामिक बोर्ड के अध्यक्ष मंसूर खानय पारसोली ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और शिक्षाविद् जफर सरेशवालाय इंटरनेशनल सूफी कारवां के संस्थापक अध्यक्ष मुफ्ती मंजूर जियाईय सोहेल खंडवानी, प्रमुख सचिव, प्रबंध ट्रस्टी (हाजी अली ट्रस्ट और मखदूम शाह बाबा ट्रस्ट)य टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ सहायक संपादक मोहम्मद वजीउद्दीन शामिल थे।
एक संयुक्त बयान में मुस्लिम नेताओं ने कहा कि मुंबई प्रस्ताव का पारित होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के प्रति हमारे एकीकृत समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने पुष्टि की, हम देश की प्रगति के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी और सहयोग का वादा करते हुए, इस परिवर्तनकारी लक्ष्य के समर्थन में एक साथ खड़े हैं।
इस अवसर पर आईएमएफ ने बॉलीवुड गायक शाहिद माल्या और सितारवादक उस्ताद सिराज खान को उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर 27 गैर सरकारी संगठनों को भी सम्मानित किया गया।
अल्पसंख्यक विकास एवं औकाफ मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान कल्याणकारी योजनाएं मुस्लिम समुदाय तक पहुंची हैं और उन्हें अभूतपूर्व स्तर पर सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान में कल्पना के अनुसार मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को समान अवसर प्रदान किए गए हैं और उनके कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। देश में नीति निर्माण और कानून निर्माण में चाहे वह संसद हो या देश की कोई अन्य संस्था, उनका समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।”
अंजुमन-ए-इस्लाम के अध्यक्ष डॉ. जहीर काजी ने कहा, भारत के मुस्लिम समुदाय ने न केवल देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है, बल्कि वर्तमान में शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उद्यमी, व्यवसाय और वाणिज्य के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि अंजुमन-ए-इस्लाम एक ऐसा संगठन हैं जिनके पास समाज के कमजोर वर्ग को शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण प्रदान करने की 150 साल पुरानी विरासत है। उन्होने कहा कि भारत को प्रधान मंत्री नरेंद्र के रूप में एक मजबूत और निर्णायक नेतृत्व मिला है।
आईएमएफ के कन्वीनर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के विकास में मुसलमानों के योगदान का जश्न मनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा ,श्भारत के विकास में मुस्लिम समुदायों का योगदान उल्लेखनीय रहा है और उनके महत्वपूर्ण योगदान का हर स्तर पर जश्न मनाया जाना चाहिए। भारत के विकास में प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय का योगदान बहुत बड़ा है और उनकी राष्ट्र-निर्माण पहल देश की समृद्धि एवं सामर्थ्य की आधारशिला रही है। हालाँकि, यह अधिक महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय अगले 25 वर्षों के दौरान दृढ़ता से अपना योगदान दे, क्योंकि भारत एक विकसित राष्ट्र बनने का सपना देख रहा है।
सतनाम सिंह संधू ने कहा कि हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित भारत के सपने को साकार करना इस देश के गौरवान्वित नागरिकों के रूप में हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगले 25 साल हमारी जिम्मेदारी राष्ट्र निर्माण के प्रति अधिक गंभीर होना चाहिए और हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने और देश को एक विकसित देश बनने की यात्रा में अपनी भूमिका निभाने के लिए दृढ़ संकल्पित होना चाहिए।”
सतनाम सिंह संधू, जो चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) के चांसलर भी हैं, ने भी घोषणा करते हुए कहाकी कि सीयू में अल्पसंख्यक समुदायों पर शोध के लिए एक केंद्र स्थापित किया जाएगा। देश में अल्पसंख्यक समुदायों पर कोई शोध पीठ नहीं है। हम सीयू में इस अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए समान विचारधारा वाले संगठन के साथ सहयोग करेंगे और इस परियोजना पर हमारा पहला सहयोगी अंजुमन-ए-इस्लाम होगा।
हाजी अली ट्रस्ट और मखदूम शाह बाबा ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी के प्रधान सचिव सोहेल खंडवानी ने कहा, “सूफीवाद एक धर्म नहीं है, बल्कि एक नैतिक स्वभाव है, और इसका हिस्सा बनने के लिए व्यक्ति को आजीवन सीखने की जरूरत है।
शिया उलमा बोर्ड महाराष्ट्र के अध्यक्ष और ऑल इंडिया शिया पर्सनल बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना जहीर अब्बास रिजवी ने कहा, “मनुष्यों को एक-दूसरे से प्यार करने और अन्य भावनाओं का अनुभव करने के उच्च उद्देश्य के साथ बनाया गया था। सद्भावना, जो नागरिकों के बीच एकता, पारस्परिक सम्मान और सहयोग का पोषण करती है जो एक प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण है।
भामला फाउंडेशन के संस्थापक और पर्यावरणविद् आसिफ भामला ने भामला जी ने कहा कि हम हिन्दुस्तानी है और हमें फख्र है कि हम यहाँ हिंदुस्तान में रह रहे है। उन्होंने कहा कि भारत की तरक्की, उन्नति और विकास की तुलना पाकिस्तान से करते हुए कहा कि भारत हर क्षेत्र में पाकिस्तान से आगे और बेहतर है।
डॉ. अमजद खान पठान ने कहा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने वाले शुरुआती देशों में से एक के रूप में उभरा। उनके प्रयास में सरकार का समर्थन महत्वपूर्ण था, जिससे हमारे नागरिकों के लिए मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ सहायक संपादक मोहम्मद वजीउद्दीन ने प्रेम , भाईचारे और राष्ट्रीय अखंडता का जश्न मनाने वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, श्श्यह बहुत अच्छा है कि भारत के लोग अतीत से सीखने में और आगे बढ़ने में विश्वास करते हैं।

 

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