यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने पीजीआईएमईआर में गुरुद्वारा साहिब परतख दर्शन पातशाही छठी का किया दौरा, निस्वार्थ सेवा की सराहना की
चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट (सीडब्ल्यूटी) ने मरीजों, तीमारदारों की से
वा के लिए पीजीआई गुरुद्वारा के साथ किया सहयोग
बनवारीलाल पुरोहित ने पीजीआईएमईआर में गुरुद्वारा का दौरा करने के बाद यूटी प्रशासन की और से समर्थन का दिया आश्वासन
चंडीगढ़ में मेडिकल हब बनने की खूबियां , केवल प्रमोट करने की है आवश्यकता ; सतनाम सिंह संधू
चंडीगढ़ के पीजीआई में देश के कोने-कोने से लोग अपनी गंभीर बीमरियों का इलाज करवाने आते हैं। चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) सेक्टर 12 में स्थित गुरुद्वारा साहिब परतख दर्शन पातशाही छठी, मानवता की जीती जागती मिसाल है। यह गुरुद्वारा साहिब उन कई मरीजों के लिए आशा की किरण है जो गंभीर बीमारियों के इलाज करवाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ साथ देश के कोने-कोने से चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई)आते है।
गंभीर बीमारियों के कारण मरीजों को लंबे समय तक चंडीगढ़ में रहना पड़ता है ऐसे में मरीज़ो और उनके परिजनों को आवास और खाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। मरीजों की इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पीजीआई स्थित गुरुद्वारा साहिब प्रतख दर्शन पातशाही छठी पिछले12 सालों से मरीज़ों के परिवारजनों के लिए आश्रय बनकर उभरा है।
गुरुद्वारा साहिब परतख दर्शन हर दिन लगभग 6000 लोगों को लंगर के द्वारा भोजन प्रदान करता है, जिसमें प्रमुख रूप से मरीज़ और उनके तीमारदार शामिल होते हैं। गुरुद्वारा साहिब में हर रात लगभग 1500 लोगों को आवास प्रदान करता है। 21 जुलाई 2023 गुरुद्वारा साहिब परतख दर्शन के दौरे के दौरान गुरुद्वारे की निस्वार्थ सेवा की पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट (सीडब्ल्यूटी) के संस्थापक सतनाम सिंह संधू और बाबा लाखा सिंह जी नानकसर कलेरां वाले के साथ गुरुद्वारे का दौरा किया और गुरूद्वारे के कार्यो की ने सराहना की। उन्होंने चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक सतनाम सिंह के साथ मरीज़ों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना तथा लंगर की सेवा भी की।
सीडब्ल्यूटी द्वारा आयोजित अपनी यात्रा के दौरान, पुरोहित ने प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करने से पहले गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका। उन्हें विभिन्न राज्यों से प्रतिदिन अस्पताल आने वाले लोगों को गुरुद्वारा साहिब द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं से अवगत करवाया गया। उन्हें बताया गया कि गुरुद्वारा आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों को नि:शुल्क दवा एवं जांच की सुविधा प्रदान करता है इसके अतिरिक्त यदि किसी रोगी को कोई विशेष आहार खाने को कहा जाता है तो उन्हें विशेष आहार भी उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा गुरुद्वारे के अंदर ही आपात स्थिति में बुनियादी चिकित्सा सहायता देने के लिए भी प्रावधान है। इतना ही नहीं पीजीआई में भर्ती मरीजों को भी लंगर पहुंचाया जाता है। गुरुद्वारा साहिब पीजीआई के बाहर हर महीने करीब 450 मरीजों का बिल्कुल मुफ्त डायलिसिस करवा रहा है। इसके साथ ही फ्री कीमोथेरेपी भी प्रदान की जाती है। यहां तक कि जिन मरीजों के पास चंडीगढ़ आने के पैसे नहीं हैं, उन्हें आने-जाने का खर्चा भी गुरुद्वारा साहिब द्वारा प्रदान किया जाता है।
गुरुद्वारे के दौरे के दौरान राज्यपाल को गुरुद्वारे और इसकी प्रबंधन समिति द्वारा सामना की जा रहे कई समस्याओ के बारे में भी अवगत कराया गया और उनसे अनुरोध किया गया कि उन्हें प्रशासन द्वारा तत्काल हर संभव सहायता प्रदान की जाये ताकि उन्हें भविष्य में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
बनवारीलाल पुरोहित ने मानव जाति की सेवा के लिए गुरुद्वारे के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि , “गुरुद्वारा साहिब ‘सेवा’ की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है जो सिख धर्म में सर्वोच्च सेवाओं में से एक है। जरूरतमंद लोगों की मदद करने में सिख समुदाय हमेशा आगे रहा है। यह सराहनीय है कि यह गुरुद्वारा प्रबंधन समिति उन लोगों की मदद के लिए आगे आई है जो परेशानी और निराशा में अस्पताल आते हैं। चंडीगढ़ प्रशासन गुरुद्वारे को अपनी सुविधाएं बढ़ाने के लिए हर संभव सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि अधिक लोगों को उनके समय में सहायता मिल सके।
चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट (सीडब्ल्यूटी) के संस्थापक, सतनाम सिंह संधू ने गुरुद्वारा साहिब प्रतख दर्शन पातशाही छठी द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “गुरुद्वारा पिछले 12 वर्षों से पीजीआई में आने वाले मरीजों और तीमारदारों की सेवा कर रहा है जो बेहद अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट भी शहर के कल्याण के लिए पूरी लगन से काम कर रहा है। मानवता की सेवा के अपने मिशन में आगे बढ़ते हुए चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट में गुरुद्वारा साहिब को हर संभव सहायता प्रदान करेगा ।
उन्होंने कहा, “देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक होने के नाते चंडीगढ़ के पीजीआई में देश के कोने-कोने से रोजाना हजारों मरीज अपनी गंभीर बीमरियों का इलाज कराने आते हैं। मरीजों की संख्या कभी-कभी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करती है।” 2021-22 के दौरान पीजीआई की ओपीडी में 1552894 मरीज आए, जबकि अंदर मरीजों की संख्या 81387 थी। कई बार मरीजों को लंबे समय तक चंडीगढ़ में रहना पड़ता है, ऐसे में उनके सामने रहने और खाने की समस्या खड़ी हो जाती है।” सतनाम सिंह संधू ने कहा, “हम गुरुद्वारा और चंडीगढ़ प्रशासन के बीच एक कड़ी के रूप में भी काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे सुचारू कामकाज और अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए प्रशासन से आवश्यक मदद मिले।”
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ एक प्रमुख चिकित्सा स्थल के रूप में विकसित हुआ हैं। यह दुनिया भर के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल के गंतव्य के रूप में शहर को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, सीडब्ल्यूटी शहर में चिकित्सा सुविधाओ को और बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उन्होंने कहा, ”चंडीगढ़ को मेडिसिटी बनाया जा सकता है। इस लक्ष्य की दिशा में मोहाली ने काफी काम किया है और अब चंडीगढ़ की बारी है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में मेडिकल सिटी बनने की सभी खूबियां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चंडीगढ़ में पीजीआई, 4 सरकारी अस्पताल, 16 निजी अस्पताल, 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , 34 डिस्पेंसरिया, 7 चिकित्सा केंद्र और 17 उप-केंद्र हैं। इसके अलावा चैरिटेबल ट्रस्टों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा 70 डायग्नोस्टिक लैब और 12 अस्पतालों का प्रबंधन किया जाता है।
इसके अलावा इस शहर की कनेक्टिविटी देश के लगभग सभी राज्यों से बहुत अच्छी है। इसे ध्यान में रखते हुए यहां मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसलिए, सीडब्ल्यूटी ने शहर में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया और अब इसे एक मेडिकल हब बनाने का प्रयास करेंगे।”
नानकसर कलेरां वाले बाबा लाखा सिंह जी ने कहा कि पीजीआईएमईआर परिसर में गुरुद्वारा वर्षों से अपनी निस्वार्थ सेवाओं के माध्यम से मानवता के रक्षक के रूप में सेवा कर रहा है। “सिख समुदाय जाति, रंग और धर्म की परवाह किए बिना सभी की सेवा करने की अपनी समृद्ध जीवित परंपरा के लिए जाना जाता है और यह मानवता और मानव जाति की सेवा करना सिख धर्म की मूल भावना है। यह गुरुद्वारा दूर-दूर से इलाज के लिए अस्पताल आने वाले लोगों को आश्रय और भोजन प्रदान करके मानवता की महान सेवा कर रहा है” ।