मोहाली 21 अक्तूबर (गीता)। मोहाली फेज-1 की श्रीरामलीला एंव दशहरा कमेटी की रामलीला उदाहरण है कि महिलाएं अब किसी भी कार्य को करने में किसी से कम नहीं है। हर क्षेत्र में महिलाएं दिन दुगनी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। राष्ट्रपति पद से लेकर हर जगह आपको महिलाओं का परचम नजर आएगा। इसी तरह आपने हमेशा रामलीला में पुरूषों को ही किरदार निभातें हुए देखा है। लेकिन इस मंच पर महिलाएं भी किरदार निभा रही हैं।
कमेटी के प्रधान आशु सूद ने बताया कि करीब 8 सालों से इस मंच पर महिलाएं भूमिका निभा रही है। ज्यादातर महिला किरदार को महिलाओं द्वारा ही निभाया जाता है। उन्होंने कहा कि मोहाली फेज-1 की श्री रामलीला एवं दशहरा कमेटी ट्राईसिटी की पहली रामलीला है जहां पर महिलाओं ने किरदार निभाना शुरू किया है। आशु सूद ने बताया कि शुरूआत में जब उन्होंने मंच पर महिलाओं को किरदार निभाने के लिए आमंत्रित्र किया था तो बहुत कम महिलाएं सामने आई लेकिन अब धीरे-धीरे महिलाओं में भी इसके प्रति दिलचस्पी बढ़ने लगी है।
रामलीला में सीता, शूर्पणखा, वेदवती, और केकई आदि के किरदार निभा रहीं ये महिलाएं निजी जीवन में बेहद सफल महिलाएं हैं। इनमें से कोई कोई वकील है तो कोई पत्रकार। महिला का किरदार निभाने वाली मीनाक्षी, साध्वी, सरगम, चेतना, अमन, शिवानी और अन्य महिलाओं ने बताया कि इस माध्यम से से उनकी अपनी प्रतिभा को मंच पर निखारने का मौका मिलता है, वहीं महिला सशक्तिकरण को लेकर यह एक शानदार पहल भी है। पेशे से वकील चेतना माता सीता का किरदार निभाकर बेहद उत्साहित नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि सीता का किरदार निभाकर वह अपने जीवन में सरल, शांत स्वभाव को अपना रही हैं। वहीं, केकई, वेदवती और शूर्पणखा का किरदार निभाने वाली सरगम और मीनाक्षी मां बेटी हैं, जो अपने अभिनय से सभी की वाहवाही बटोर रही हैं। इनमें सुमित्रा का किरदार निभा रही हैं अमन, मंथरा के रूप में साध्वी और शिवानी काफी अच्छा किरदार निभा रही हैं।
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महिलाओं के सुरक्षा का भी होता है विशेष प्रबंध
कमेटी के प्रधान आशु सूद ने बताया कि रामलीला के दिनों में महिलाओं को किसी प्रकार से कोई दिक्कत न आए इसके लिए विशेष प्रबंध भी किये जाते है जिसमें हम महिला कलाकारों को घर से लेकर आते है और रात को घर तक भी छोड़ कर आते है। उन्होंने बताया कि स्टेज पर और उसके आस-पास सी.सी.टी.वी भी लगाए गए है जिस से सभी की सुरक्षा और मजबूत हो जाती है।