15 अगस्त को पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में काले और केसरी झंडों में विरोध मार्च निकाला जाएगा
मोहाली 7 अगस्त (गीता)। गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान को लेकर राष्ट्रीय न्याय मोर्चा की मांगें, कोटकपूरा गोलीकांड में शामिल पुलिस और नेताओं को नामजद करना, धर्मग्रंथों का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाना, किसी भी धर्म और जेल में सजा काट चुके सिंहों की रिहाई को लेकर 7 जनवरी से चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर लगातार संघर्ष चल रहा है। हालांकि, प्रशासन सिख समुदाय की जायज मांगों को मानने के लिए कौमी इन्साफ मोर्चा से कोई संपर्क नहीं कर रहा है। अगर कोई बातचीत हुई तो मौके पर किए गए वादे से मुकरते रहे।
सोमवार को मोहाली प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बापू गुरचरण सिंह हवारा, एडवोकेट अमर सिंह चहल, संयोजक पॉल सिंह फ्रांस, फ्रंट के कानूनी सलाहकार दिलशेर सिंह, एडवोकेट गुरशरण सिंह धालीवाल ने कहा कि इस मौके पर कौमी इन्साफ मोर्चा पंजाब के लोगों, किसान संगठनों, समाज सेवी संगठनों और सिख संगठनों के साथ मिल कर चंडीगढ़ में काले और केसरी झंडों के साथ 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विरोध मार्च निकालने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विरोध मार्च में पंथक समर्थकों और न्यायप्रिय लोगों को बड़े पैमाने पर भाग लेना चाहिए ताकि पूरी दुनिया को 1947 से लेकर आज तक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा सिख समुदाय के साथ की जा रही ज्यादतियों के बारे में पता चल सके। यह सब देखते हुए पंजाब की उजड़ी हुई पंथक शक्ति को कौमी इन्साफ मोर्चा के साथ एक मंच पर आकर 15 अगस्त को अपनी जायज मांगों के लिए एकत्रित होकर संघर्ष करना चाहिए ताकि केंद्र और पंजाब सरकार सिख समुदाय की जायज मांगों को पूरा करने के लिए कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़े।
इस बीच, भाई जगतार सिंह हवारा ने कौम के नाम एक पत्र भेजकर देश को संदेश दिया है कि इस विरोध मार्च में पंजाब के सभी लोग, किसान नेता, पंथक संगठन, राजनीतिक दल, समाज सेवी संगठन, पंथ समर्थक, देश-विदेश के सभी वर्गों और सदस्यों को इसमें शामिल होना चाहिए। साथ ही संकट की इस घड़ी में कौमी इन्साफ मोर्चा को भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज पंजाब की सभी सरकारें विफल हो चुकी हैं और लोगों की एकता के बिना कोई भी युद्ध नहीं जीता जा सकता। इस अवसर पर गुरजंट सिंह, देव सराभा, एडवोकेट यादविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, गुरदीप सिंह बठिंडा, जसविंदर सिंह राजपुरा, रछपाल सिंह चंडीगढ़, बलकार सिंह भुल्लर, गुरनाम सिंह सिद्धू, नेता रेशम सिंह बडाली, रविंदर सिंह वाजिदपुर, बलजीत सिंह आदि उपस्थित थे।