श्री गुरु नानक देव जी महाराज की 554वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई रागी और कीर्तनीय जत्थों ने धार्मिक कार्यक्रम के जरएि संगत को खूब निहाल किया

By Firmediac news Nov 27, 2023
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मोहाली 27 नवंबर (गीता)। निकटवर्ती गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीदां सोहाना की प्रबंधक कमेटी द्वारा सभी श्रद्धालुओं के सहयोग से धन्य श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 554वां प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया गया। प्रकाश पर्व की खुशी में सुबह 9 बजे श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग डाला गया। इसके बाद पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में बीबी जसवीर कौर संगरूर वाली बीबी के अंतरराष्ट्रीय ढाडी जत्था ने श्रद्धालुओं को ढाडी वार में धन्य श्री गुरु नानक देव जी के जीवन इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भाई अजमेर सिंह जी हजूरी रागी श्री दरबार साहिब जी अमृतसर के रागी जत्थे ने पूरे दिन रसभिन्ने कीर्तन के माध्यम से हर जस सुना कर संगतों को निहाल किया। शिरोमणि प्रचारक भाई जरनैल सिंह जी लुधियाना ने अपने प्रवचनों के माध्यम से धन धन श्री गुरु नानक देव जी महाराज द्वारा संपूर्ण मानवता की भलाई के लिए किए गए चार उदासियों का वर्णन किया और उन्होंने धुर की बानी के 19 रागों में 1974 शब्द सुनाए जो धन धन श्री गुरु ग्रंथ हैं साहेब जी महाराज में बिराजमान है के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा भाई इंद्रजीत सिंह जी नानकसर वाले, भाई संतोख सिंह जी, भाई गुरबख्श सिंह शांत, भाई गुरविंदर सिंह, संत बाबा कुलदीप सिंह, भाई जसविंदर सिंह जी, बाबा दीप सिंह जी कविश्री जत्था, शेरे पंजाब कविशरी जत्था, भाई गुरमीत सिंह जी, भाई जतिंदर सिंह जी और भाई सुखविंदर सिंह जी ने पूरे दिन कथा कीर्तन और गुरमति विचारों के माध्यम से हरि जस सुना कर संगत को निहाल किया। सभी जत्थों को सिरोपा देकर सम्मानित किया।
प्रकाश पर्व की खुशी में दरबार साहिब जी को अंदर से विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था। पूरे दरबार साहिब जी के बाहर और गेट तक के रास्ते को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। प्रकाश पर्व की खुशी में हजारों श्रद्धालुओं ने इस तीर्थ के पवित्र सरोवर में स्नान किया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मरीजों की जांच की और गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से दवा दी गयी, प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित अमृत संचार में बड़ी संख्या में लोगों ने अमृत पीया और गुरु बने। इस अवसर पर गुरु का लंगर अटूट लगाया गया।

 

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