मांग पूरी नहीं होने पर डीसी कार्यालय के समक्ष विशाल धरना देने की चेतावनी दी
मोहाली 11 सितंबर (गीता)। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदू माजरा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि कथित तौर पर अवैध बता कर बंद की गई करीब 15000 कॉलोनियों में प्लॉटों और मकानों की रजिस्ट्री सरकार द्वारा खोली जाए। उन्होंने कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर ऐसा नहीं किया गया तो शिरोमणि अकाली दल पंजाब सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू करेगा और धरने देगा ।
प्रैस कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पंजाब की लगभग 60 प्रतिशत आबादी इन 15,000 कॉलोनियों में रहती है और लगभग 36 लाख परिवार (लगभग 2 करोड़ लोग) लंबे समय से इन कॉलोनियों के निवासी हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की इस कार्रवाई से लोग अपनी जमीन जायदाद की खरीद-बिक्री नहीं कर सकते और एक तरह से उनका मालिकाना हक छीना जा रहा है । उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों के निवासियों को बिजली, पानी के कनेक्शन मिले हैं और बैंकों से ऋण भी मिला है। उन्होंने कहा कि उनकी जमीन जायदाद की रजिस्ट्री रोकना उनके मानवाधिकारों पर हमला है ।
प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि इसी तरह गांवों के लाल डोरा के अंदर आने वाली जमीन जायदाद की रजिस्ट्री पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि अगर इन प्रतिबंधों को तुरंत नहीं हटाया गया तो शिरोमणि अकाली दल इसके खिलाफ उग्र संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा कि इस इलाके से बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों में मिले हैं जो काफी परेशान करने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद कहा था कि अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जायेगा । उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले लोगों से अवैध कॉलोनियों को अधिकृत करने का वादा करने वाली सरकार अपने वादे से मुकर रही है ।
प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने पंजाब सरकार को 15 दिन का समय दिया है और चेतावनी दी है कि अगर इस समय के भीतर रजिस्ट्रियां नहीं खोली गईं तो वे डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने विशाल धरना देंगे ।
प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि गमाडा के अधिकारी सीधे तौर पर ब्लैक मेलिंग में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई निर्माण कार्य चल रहा होता है तो वे आंखें मूंद लेते हैं और निर्माण पूरा होने के बाद लोगों को ब्लैकमेल कर रिश्वत मांगते हैं । उन्होंने मोहाली शहर में आवश्यकता आधारित नीति के बारे में बोलते हुए कहा कि यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ मोहाली में रहने वाले परिवार बड़े हो गए हैं और जरूरत के हिसाब से बदलाव करना लोगों की मजबूरी बन गई है। उन्होंने कहा कि जो जरूरत बिना किसी को प्रभावित किये पूरी की जाती है, वह नाजायज नहीं हो सकती । उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान आवश्यकता आधारित नीति को लगभग पूरा कर लिया था लेकिन कुछ कारणों से यह रह गया था। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार से कह कर इसे तुरंत लागू करवाया जाए ताकि लोगों की परेशानी और गमाडा की रिश्वतखोरी को रोका जा सके। इस मौके पर मोहाली हलके के प्रमुख सेवादार परविंदर सिंह सोहाना, हरिंदरपाल सिंह चंदूमाजरा, कमलजीत सिंह रूबी, गुरुमीत सिंह शामपुर, कैप्टन रमनदीप सिंह बावा मौजूद रहे।