मोहाली 16 नवंबर (गीता)। चंडीगढ़ गु्रप ऑफ कॉलेज (सीजीसी) लांडरां, के इलैक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) के छात्रों के एक गु्रप ने एक स्मार्ट बोरवेल ऑपरेशन डिवाइस का आविष्कार किया है। जिसे बोरवेल बचाव के दौरान एक कुशल निकासी उपकरण के रुप में उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रोफेसर प्रदीप गौर के मार्गदर्शन में ईसीई और एमई के छात्र प्रियांश, राहुल, महक, मोहित और वैभव ने तैयार कि यह डिवाईस । उन्हें उम्मीद है कि यह पोर्टेबल मशीन एनडीआरएफ और अन्य बचाव टीम्स को प्रक्रिया को स्वचालित करके बोरहोल में फंसे पीड़ितों को सुरक्षित निकालने में मदद करेगा। सीजीसी लांडरां द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए पेटेंट फाइल कर दिया गया है।
यह डीवाईस मौसम और क्लाइमेट अनुकूली उपकरण सेंसर आधारित है और इंसानों को पहचानने वाले सेंसर और कैमरों से सुसज्जित है।
यह सेंसर आधारित कैमरा सबसे पहले होल में फंसे व्यक्ति की स्थिति और सटीक जगह का पता लगाने में मदद करेगा। सेंसर का दूसरा सेट तुरंत वहां फंसे व्यक्ति का ओक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर और चिंता के स्तर का पता लगाएगा। जिससे बचावकर्मियों को तत्काल चिकित्सा और ऑक्सीजन के साथ साथ महत्वपूर्ण सहायता मिल सके। एक बार जब पीड़ित स्थिर हो जाता है, तो उपकरण गद्दीदार आंतरिक भाग के साथ गुंबद जैसी सरंचना को तैनात करके बचाव शुरु कर देगा। जो फंसे हुए व्यक्ति को उसके गद्दीदार आंतरिक भाग में सुरक्षित रुप से घेर लेगा और हाइड्रोलिक दबाव तंत्र का उपयोग करके बोरहोल से निष्कर्षण शुरु कर देंगे।
छात्रों ने बताया, ‘जिन बोरवेल को इस्तेमाल नहीं किया जाता और वो खुला रह जाते हैं, तो अक्सर दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएं हो जाती है। जहां बड़े या बच्चे बुरी तरह से फंस जाते है। ऐसी कई घटनाएं है जिनको हम देख सकते हैं जिनमें कई किमती जानों ने अपनी जान गंवाई है। उनके बारे में पढ़कर और मीडिया में उनकी खबरें आते देखकर हमें दुख हुआ और इसी बात ने हमें यह डीवाईस तैयार करने के लिए प्रेरित किया।‘