मोहाली 24 अप्रैल ( गीता ) । चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेस (सीजीसी) लांडरां ने अपने छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स के नए और अलग आइडियाज और इनोवेशन को कानूनी सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के लिए, कैंपस में एक इंटेलेक्चुअल पॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) सेल सेंटर फॉर बौद्धिक संपदा की स्थापना की है। आईपीआर सेल का उद्घाटन आज सीजीसी लांडरां के प्रेजिडेंट रशपाल सिंह धालीवाल ने किया। उनके साथ, सीजीसी लांडरां के कैम्पस डायरेक्टर डॉ पी.एन. ऋषिकेशा, डॉ. रुचि सिंगला, डायरेक्टर आर एंड डी, सीजीसी लांडरां प्रोफेसर (डॉ.) दिनेश अरोड़ा, आईपीआर हेड, सीजीसी लांडरां, तथा संस्थान के सभी डीन और डायरेक्टर्स शामिल हुए। एसीआईसी राइज एसोसिएशन, सीजीसी लांडरां और पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीएससीएसटी) के सहयोग से स्थापित आईपीआर सेल को पीएससीएसटी ने 50,000 रुपये का अनुदान दिया।
इस नए स्थापित केंद्र को सीजीसी परिवार को समर्पित करते हुए, एस रशपाल सिंह धालीवाल ने सीजीसी की टीम की इस पहल की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा, यह बौद्धिक संपदा केंद्र सबके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीजीसी के युवा इन्नोवेटर्स और एंटरप्रेंयूर्स के लिए अत्यधिक लाभदायक होगा, जिसके तहत वो आईपीआर कानूनों को समझकर अपने आइडियाज और इनोवेशन को सुरक्षित कर पाएंगे। यह केंद्र सभी को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को लेकर जागरूक करेगा और उनके आइडियाज को पेटेंट करवाने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।
आईपीआर वे अधिकार हैं जो कानून द्वारा संरक्षित हैं, जो किसी भी क्रिएटर को उनकी क्रिएशन या आईडिया को एक तय समय अवधि के लिए प्रदान किया जाता हैं। इस अधिकार से क्रिएटर्सध्इन्नोवेटर्स को एक शक्ति का अनुभव होता है, जो उनके आईडिया या अविष्कार को यूनिक घोषित करता हुआ, किसी ओर द्वारा कॉपी करने या चुराने से बचाता है। इस से उन्हें कम्पटीशन में फायदा तथा बिजनेस में सफलता प्राप्त करवाता है। सीजीसी के इस बौद्धिक संपदा केंद्र की मदद से छात्रों और शिक्षकों को आईपीआर कानूनों के बारे में सलाह और मार्गदर्शन की सुविधा प्राप्त होगी, और उन्हें हर प्रकार की मिल रही सुरक्षा और फायदे के बारे में जागरूक रहने का अवसर प्राप्त होगा। इसके साथ ही वो पेटेंट फाइलिंग प्रोसेस को भी जान पाएंगे। यह केंद्र वर्कशॉप्स और सेशन का आयोजन भी करेगा जिस से सभी को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉज, कॉपीराइट्स और अपनी रचना को पेटेंट करवाने के लाभ के बारे में अवगत करवाया जायेगा। ध्यान देने योग्य है कि सीजीसी लंडरा ने 2,300 से ज्यादा पेटेंट दाखिल किए हैं और लगातार पांच साल ऑफिस ऑफ द कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन, ट्रेडमार्क्स और ज्योग्राफिकल इंडीकेटर्स, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा पूरे भारत में शीर्ष दस पेटेंट दाखिल करने वाले अकादमिक इंस्टीटूशन और यूनिवर्सिटी में मान्यता प्राप्त की है। सीजीसी लांडरां की डायरेक्टर-आर एंड डी, डॉ. रुचि सिंगला ने कहा कि इस केंद्र का मुख्य प्रयास है कि हमारे शिक्षकों और छात्रों को आईपीआर कानूनों के बारे में जागरूक किया जाए और उन्हें पेटेंट दाखिल करने, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट प्राप्त करने के लाभ के बारे में सहायता प्रदान की जा सके। हम सीजीसी लांडरां परिवार इनोवेशन और इन्वेंशन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं और हमारे एसीआईसी राइज एसोसिएशन के माध्यम से एंटरप्रेंयूर्शिप को बढ़ावा देने में आगे रहे हैं, जिसमें 63़ स्टार्टअप्स को इंक्यूबेशन की सुविधा प्रदान की गयी है। पेटेंट फाइलिंग प्रोसेस में इन्नोवेटर्स की मदद करने के अलावा उन्हें कमर्शियल करने का भी प्रयास किया जायेगा।
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