सोहाना तालाब/ टोबा की देखरेख न करने के मामले में हाईकोर्ट ने निगम कमिश्नर को 6 सितंबर को सुनवाई करते हुए तलब किया

By Firmediac news Aug 25, 2023
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परविंदर सिंह सोहाना ने कमिश्नर पर हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाया

Firmedia C News Channel Team Mohali 

 

मोहाली 25 अगस्त (गीता)। शिरोमणि अकाली दल हलका मोहाली के मुख्य सेवादार परविंदर सिंह सोहाना ने आरोप लगाया है कि गांव सोहाना के तालाब के रख रखाव को लेकर मोहाली नगर निगम के कमिश्नर की ओर से हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कमिश्नर को इस मामले की अगली सुनवाई के लिए छह सितंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के लिए बुलाया गया है। इस मौके पर उन्होंने नगर निगम के मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू से गलत शपथ पत्र देने पर कमिश्नर के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाने को कहा।
परविंदर सिंह सोहाना ने कहा कि सोहाना गांव में तालाब / टोबा की हालत दयनीय है और ग्रामीण 2017 से तालाब के रख रखाव को लेकर अधिकारियों और राजनेताओं को पत्र लिख रहे हैं और मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब इस तालाब का कोई समाधान नहीं किया गया, तो हार कर गांव के निवासियों दविंदर सिंह और अन्य ने 2020 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
उन्होंने कहा कि सोहाना के तालाब की सुनवाई पिछले तीन साल से हाई कोर्ट में चल रही है और इस दौरान हाई कोर्ट ने इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ कई टिप्पणियां भी कीं। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब गत 23 अगस्त को हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान इस तालाब को लेकर नगर निगम मोहाली के कमिश्नर की ओर से हलफनामा दिया गया, जो सरासर झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने कहा कि शपथ पत्र में लिखा है कि तालाब की सफाई करायी गयी है जबकि यहां कोई सफाई का काम नहीं हुआ है।
परविंदर सिंह सोहाना ने आज इस तालाब पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पत्रकारों को दिखाया कि तालाब की हालत कितनी खराब है और चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। उन्होंने कहा कि मेयर जीती सिद्धू को तुरंत सदन की बैठक बुलानी चाहिए और नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए, अन्यथा यह साबित हो जाएगा कि मेयर के पैरों में जान नहीं है। परविंदर सिंह सोहाना ने डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी को अखबारी नेता बताते हुए कहा कि वह हमेशा सुर्खियों में रहने के लिए बयान देते हैं, इसलिए इस तालाब को लेकर कमिश्नर के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए मेयर पर दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारियों ने कोर्ट को लिखित में बताया है कि अमृत योजना के तहत इस तालाब के लिए पौने दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गयी है, जो केंद्र सरकार की योजना है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है लेकिन उन्हें बिल्कुल भी यकीन नहीं है कि काम शुरू होगा।
परविंदर सिंह सोहाना ने कहा कि अकाली दल सरकार के दौरान गांव में महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए और सीवरेज भी लगाया गया. लेकिन न तो कांग्रेस सरकार ने यहां कोई काम किया और न ही आम आदमी पार्टी सरकार इस पर कोई ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि अगर यहां प्रदूषण के कारण कोई बीमारी फैलती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम और प्रशासन की होगी। हलका प्रभारी परविंदर सिंह सोहाना ने बताया कि 6 सितंबर को मामले की दोबारा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी, जिसे लेकर निगम कमिश्नर को खुद पेश होने के लिए तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारें लोगों से झूठ बोल रही हैं और अदालत से भी झूठ बोलने लगी हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार सही स्थिति सामने लाये और सोहाने तालाब का मामला सुलझाये।

 

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