Russia Wagner Group Rebellion: रूस में गृह युद्ध के हालात पैदा हो गए हैं. तख्तापलट कर राष्ट्रपति पुतिन को सत्ता से हटाने की तैयारी की जा रही है. दरअसल, रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। जिसके बाद रूसी सेना और वैगनर ग्रुप के बीच जंग शुरू हो गई है। रूसी सेना ने वैगनर ग्रुप के विद्रोहियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए रूस के सभी राज्यों और बड़े शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी है।
आलम यह है कि, प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के विद्रोही लड़ाकों का सामना करने के लिए रूसी सेना के स्पेशल कमांडोंज को टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों के साथ सड़कों पर तैनात कर दिया गया है। साथ ही आसमान से भी वैगनर ग्रुप के विद्रोहियों को रोकने की कोशिश हो रही है। सबके अधिक टेंशन रूस की राजधानी मॉस्को और रोस्तोव शहर में है। इन दोनों जगहों पर हाई अलर्ट है। पब्लिक को बिना जरूरत के बाहर घर से बाहर न निकलने को कहा गया है। दरअसल, रोस्तोव शहर में रूसी सुरक्षा का मुख्यालय है और यहां रूसी सेना के हथियार रखे हैं।
वैगनर चीफ बड़ा ऐलान- रूस में तख्तापलट करने आए हैं
प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोझिन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि, रूस में तख्तापलट करने आए हैं और इसके लिए हमारे 25 हजार लड़ाके मरने और मारने के लिए एकदम तैयार हैं। चीफ प्रिगोझिन ने धमकी दी है कि, अगर कोई भी वैगनर ग्रुप के रास्ते में आता है तो हम उसे नष्ट कर देंगे। हमें तब तक कोई नहीं रोक सकता जब तक हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाते। प्रिगोझिन ने यह दावा भी किया कि वैगनर ने गोलीबारी कर रहे रूसी सेना के एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया है। हालांकि, खबर है कि रूसी सेना ने भी अब तक वैगनर ग्रुप की दो बख्तर बंद गाड़ियों को तबाह कर दिया है। रूसी सेना ने आसमान से वैगनर ग्रुप की बख्तर बंद गाड़ियों पर अटैक किया।
विद्रोही कैसे हो गई रूस की प्राइवेट आर्मी? चीफ रहा पुतिन का करीबी
बताया जाता है कि, वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोझिन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पुराना करीबी माना जाता है। कभी पुतिन ने ही वैगनर ग्रुप की स्थापना की थी और प्रिगोझिन को चीफ बनाया था। पुतिन ने वैगनर ग्रुप को रूसी सेना से हथियारों की ट्रेनिंग भी दिलवाई और हथियार भी दिलवाए। पुतिन वैगनर ग्रुप को एक प्राइवेट आर्मी के रूप में रखा था। ताकि प्राइवेट आर्मी के लड़ाकों को उपयोग किसी जंग में किया जा सके। मगर वैगनर ग्रुप का चीफ और लड़ाके अब पुतिन के पीछे पड़ गए हैं। रूस में तख्तापलट करने चले हैं। प्रिगोझिन ने पुतिन की पीठ पर विश्वासघात का छुरा घोंप दिया है। बताया जा रहा है कि, वैगनर ग्रुप का रूसी सेना के साथ भी लंबे समय से तनाव चल रहा था।
प्रिगोझिन ‘देशद्रोही’ घोषित
जानकारी के अनुसार, रूस की आंतरिक जांच एजेंसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोझिन को उसके विद्रोह के लिए ‘देशद्रोही’ घोषित कर दिया है। देशद्रोह और सैन्य विद्रोह के आरोपी में प्रिगोझिन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही एफएसबी ने वैगनर के लड़ाकों से अपील की है कि, वे प्रिगोझिन की आपराधिक और विश्वासघाती आदेश न माने। बल्कि उसे हिरासत में ले लें और रूसी सेना के हवाले कर दें। वहीं रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने प्रिगोझिन से अपील की है कि जो भी विवाद है उसका हल शांति से निकालें। फिलहाल, प्रिगोझिन अगर पकड़ा जाता है तो उसे देशद्रोह के आरोप में 20 साल जेल की सजा हो सकती है। वहीं, अगर वह अपने मंसूबों में सफल होता है तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ताकत कमजोर पड़ सकती है।