पंजाब के मुख्यमंत्री एनआरआई मंत्री पंजाब और विदेश मंत्री भारत सरकार को लिखा पत्र
एनआरआई मंत्री कनाडा पहुंच कर वहां की सरकार से तालमेल करें: बेदी
मोहाली 5 जून (गीता)। डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने करीब 700 छात्रों को कनाडा से डिपोर्ट किए जाने के पक्ष में छात्रों को अपना समर्थन दिया है। इस मामले में डिप्टी मेयर ने पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब के एनआरआई मंत्री और भारत सरकार के विदेश मंत्री को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें और छात्रों को इससे बचाने के लिए कार्रवाई करें।
बेदी ने बताया कि इसी साल मार्च के मध्य में कनाडा से एक बड़ी खबर सामने आई थी कि कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी ने 700 से ज्यादा भारतीय छात्रों को डिपोर्ट करने का नोटिस जारी किया था। शिक्षण संस्थानों में प्रवेश संबंधी ऑफर लेटर फर्जी पाए गए। यह मामला लगातार गरमा रहा है और निर्वासित छात्र इसका विरोध कर रहे हैं।
कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि इस पूरे मामले में निर्वासित छात्रों का कोई दोष नहीं है। उन्होंने कहा कि 2018 से 2022 के बीच जालंधर में एक ट्रैवल एजेंट ने करीब 700 भारतीय छात्रों को कनाडा के एक निजी कॉलेज से ऑफर लेटर देकर उन्हें कनाडा का वीजा दिलवाया और हर छात्र से लाखों रुपये वसूले। डिप्टी मेयर ने कहा कि इनमें से ज्यादातर छात्र टोरंटो पहुंचे। उन्होंने कहा कि मिली जानकारी के अनुसार उक्त ट्रेवल एजेंट ने सभी से संपर्क किया और उन्हें एक ही बात बताई कि जिस कॉलेज में उन्हें जाना है उसकी सभी सीटें भर दी गई हैं और उन्हें अगले सेमेस्टर की सीटें दे दी गई हैं। उन्होंने छात्रों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें कुछ पैसे भी लौटाए ताकि छात्र उन पर भरोसा करते रहें।
उन्होंने कहा कि कुछ समय बाद ट्रैवल एजेंट ने छात्रों को दूसरे कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए कहा और छात्रों ने 2 साल के डिप्लोमा कोर्स के लिए दूसरे कॉलेजों में प्रवेश ले लिया। उन्होंने कहा कि 2 साल तक कॉलेज में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वहां 1 साल वर्क परमिट के तहत काम भी किया। उन्होंने कहा कि अब इन छात्रों के दस्तावेजों को अपराधी घोषित किया जा रहा है और इन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है।
लिखे लैटर में कुलजीत सिंह बेदी ने बताया कि इस मामले में आरोपी उक्त ट्रेवल एजेंट है जिसने छात्रों से यह धोखाधड़ी कर लाखों रुपये वसूले। छात्र उसके भरोसे में आ गए और कनाडा आने के बाद कॉलेज बदलते रहे। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार इन छात्रों को दो साल तक पढ़ाती है और एक साल का वर्क परमिट भी देती है जिसके बाद इन छात्रों को पीआर मिल जाता है। डिप्टी मेयर ने कहा कि इन छात्रों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री और पंजाब के एनआरआई मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इन दोनों नेताओं को इस मुद्दे को कनाडा सरकार के सामने जोरदार तरीके से उठाना चाहिए और इन छात्रों के निर्वासन को रोकना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार एनआरआई लोगों की मदद के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, ये छात्र भी एनआरआई हैं जो लाखों रुपये खर्च कर अपनी संपत्तियां बेचकर सुनहरे भविष्य की तलाश में कनाडा चले गए हैं। उन्होंने कहा कि इन छात्रों की मदद करना भारत सरकार और पंजाब सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि पंजाब के एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को खुद कनाडा जाकर छात्रों से मिलना चाहिए और उनकी मदद के लिए कनाडा सरकार से समन्वय स्थापित करना चाहिए ।