चंडीगढ़ 28 जुलाई, 2023:
मणिपुर में जातीय हिंसा के शिकार 40,000 से अधिक पीड़ितों के लिए राशन, दवाएं और ज़रूरी चीजें लेकर जा रहा यूनाइटेड सिख्स का ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सहायता सामग्री ले जा रहा ट्रक भूस्खलन से बने एक गड्ढे के कारण पलट कर खाई में गिर गया। ट्रक ड्राइवर और स्वयंसेवक को मामूली चोटें ही आईं। मणिपुर की कुछ स्थानीय एनजीओ के अनुरोध पर भेजी जा रही अधिकांश राहत सामग्री भी वहां के लोगों की सहायता से से बचा ली गई।
दुर्घटना तब हुई जब सहायता दल राहत सामग्री के साथ शिलांग से चुराचांदपुर जा रहा था। लेकिन बहादुर वोलेंटियर्स ने कठिन मार्ग से होते हुए 5 दिनों की कठिन यात्रा जारी रखी।
मणिपुर अत्यधिक जातीय हिंसा के कारण बढ़ते मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते 130 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए, जो अब बेघर, घायल, भूखे और कमजोर हालत में हैं।
यूनाइटेड सिख्स ने मानवीय सहायता प्रदान करके स्थानीय संस्थाओं के अनुरोध को स्वीकार किया। संस्था ने पहले बैच में 40,000 से अधिक लोगों के लिए राशन और चिकित्सा सहायता भेजी।
यूनाइटेड सिख्स के डायरेक्टर, मोहिंदरजीत सिंह ने कहा कि यूनाइटेड सिख्स किसी भी जरूरतमंद समुदाय को बिना भेदभाव के सहायता पहुंचाता है, चाहे उनकी धार्मिक पहचान या जातीयता कुछ भी हो। संयुक्त राष्ट्र से संबंधित संगठन के रूप में यूनाईटिड सिख्स आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करने का पर्याप्त अनुभव है, हमारी टीमें प्रभावित और पीड़ित लोगों को मानवीय सहायता व चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पहुंची हुई हैं।”
“भले ही शिलोंग में सिखों को निष्कासन के कगार पर धकेल दिया गया, यह सिख समुदाय ही है जो अब उत्तर पूर्व में पीड़ितों को सहायता प्रदान कर रहा है और उनके घावों को भर रहा है। ‘मानव जाति को एक ही जाति के रूप में पहचानने’ के सिख सिद्धांतों का पालन करते हुए यूनाइटेड सिख्स इंटरनेशनल के मानवीय सहायता डायरेक्टर गुरविंदर सिंह ने कहा, “जाति, धर्म या पहचान की परवाह किए बिना हम हाशिये पर खड़े और वंचित समुदायों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कहीं भी किसी भी समुदाय के लोगों की पीड़ा दुनिया भर में हर किसी के लिए चिंता का विषय होनी चाहिए और हर समुदाय की मदद के लिए सब को आगे आना चाहिए।”