AAP Support to Modi Government on UCC: केंद्र की मोदी सरकार अब देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) ला रही है. जहां इस पूरे मुद्दे पर बहस तेज हो रखी है. सबके अपने-अपने बयान आ रहे हैं. लेकिन इस बीच मोदी सरकार के लिए एक ताज्जुब वाली बात हुई है। UCC मुद्दे पर मोदी सरकार को उस राजनीतिक पार्टी का समर्थन मिला है। जिससे समर्थन मिलने की तनिक भी उम्मीद नहीं थी। बतादें कि, समान नागरिक संहिता यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। यह समर्थन सैद्धांतिक तौर पर दिया गया है।
AAP के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि, हम सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन करते हैं क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए। पाठक ने कहा कि उनकी पार्टी का यह भी मानना है कि UCC के मसले पर सभी धर्मों और राजनीतिक दलों और तमाम संगठनों से व्यापक विचार-विमर्श किया जाना चाहिए और आम सहमति के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा था- एक देश में दोहरे कानून नहीं चल सकते
बतादें कि, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने के बाद एक देश-एक कानून वाली बात हो जाएगी। यानि देश के हर नागरिक के लिए समान कानून होगा। पीएम मोदी ने कहा था- एक देश में दोहरे कानून नहीं चल सकते। पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की जोरदार वकालत की थी। पीएम मोदी का कहना था कि, UCC जैसे संवेदनशील मुद्दे पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। पीएम मोदी ने दलील दी थी कि, एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? जब एक परिवार में दो कानून नहीं चल सकते तो फिर देश में कैसे चल सकते हैं?
कांग्रेस बोली- UCC थोपिए मत
कांग्रेस यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का हल्के अंदाज में विरोध कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को थोपा नहीं जाना चाहिए। वहीं, देश में मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने UCC का विरोध जारी रखने का फैसला किया है। बोर्ड ने कहा कि वह इस सिलसिले में विधि आयोग के सामने अपनी दलीलों को और जोरदार ढंग से पेश करेगा।