पीएम नरेंद्र मोदी बोले- ‘विपक्ष आशंकाओं से भरा हुआ है, विपक्ष यह बात दिखाने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है; कुछ लोग कह रहे थे कि 2024 से पहले राज्यसभा में वोटिंग सेमीफाइनल है’

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नई दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में भाजपा संसदीय दल की मीटिंग की। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा- विपक्ष आशंकाओं से भरा हुआ है। विपक्ष यह बात दिखाने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। कुछ लोग कह रहे थे कि 2024 से पहले राज्यसभा में वोटिंग सेमीफाइनल है। उन पार्टी सांसदों का शुक्रिया, जिन्होंने यह सेमीफाइनल जीत लिया।

I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने बैठक की

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने भी बैठक की। इस पर लोकसभा में बहस के दौरान रणनीति पर चर्चा की गई।

12 घंटे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी, BJP को 7 और कांग्रेस को सवा घंटे मिले

न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 12 घंटे चर्चा होगी। भाजपा को करीब 7 घंटे का वक्त दिया गया है और कांग्रेस को सवा घंटे का। सूत्रों के मुताबिक, YSRCP, शिवसेना, JDU, BJD, BSP, BRS और लोजपा को 2 घंटे का वक्त दिया गया है।

सभी पार्टियों के सांसदों की संख्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें 2 घंटे में से चर्चा की टाइमिंग अलॉट की जाएगी। एक घंटे 10 मिनट का वक्त दूसरी पार्टियों और इंडिपेंडेंट सांसदों को दिया गया है। 8 और 9 अगस्त को ये सभी लोग अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को जवाब दे सकते हैं।

19 जुलाई को NDA की मीटिंग में PM ने कहा था- ये साथ हैं, पास नहीं

19 जुलाई को NDA की बैठक में विपक्षी गठबंधन को लेकर PM मोदी ने निशाना साधा था। PM ने कहा, ये साथ तो आ सकते हैं, पास नहीं। केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं, लेकिन बेंगलुरु में हाथ पकड़कर हंस रहे हैं। बंगाल में लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस लड़ रहे हैं, लेकिन बेंगलुरु में साथ खड़े हैं। जनता जानती है ये मिशन नहीं मजबूरियां है। इन्हें अपने कार्यकर्ताओं की भी चिंता नहीं।

हमारी सरकार से पहले का गठबंधन बड़ी मुश्किल से 10 साल सरकार चला पाया, लेकिन देश को क्या मिला। PM पद के ऊपर एक शख्स, निर्णय लेने में अक्षमता… पिछली सरकार में क्रेडिट लेने के लिए सब आगे आते थे, लेकिन गलती होने पर दोष सहयोगियों पर डाल देते थे। उनके लिए गठबंधन मजबूरी थी, लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं मजबूती का प्रतीक है।

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